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कांग्रेस पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा, जानिए यहाँ

कांग्रेस पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर सवाल अब भी बना हुआ है. पार्टी ने ऐलान किया है कि नए अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर होगा और 19 अक्टूबर को काउंटिंग होगी. इस बीच पार्टी के वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर चुनाव लड़ने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. बता दें कि शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को साल 2020 में पत्र लिखकर संगठनात्मक सुधारों की मांग करने वाले 23 नेताओं के समूह में शामिल रहे हैं.

शशि थरूर जल्द लेंगे चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला

हालांकि, अभी शशि थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला नहीं किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शशि थरूर ने अभी अपना मन नहीं बनाया है, लेकिन वह जल्द ही इस पर निर्णय कर सकते हैं. बहरहाल, शशि थरूर ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह इस मुकाबले में शामिल होंगे या नहीं.

‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष’ चुनाव कराने का किया आह्वान

शशि थरूर ने मलयालम दैनिक अखबार मातृभूमि में एक लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष’ चुनाव कराने का आह्वान किया है. इस लेख में उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की दर्जन भर सीटों के लिए भी पार्टी को चुनाव की घोषणा करनी चाहिए.

‘चुनाव के लिए कई उम्मीदवारों के सामने आने की उम्मीद’

शशि थरूर ने कहा, ‘एआईसीसी और पीसीसी प्रतिनिधियों से लिए पार्टी के सदस्यों को यह फैसला लेने देने कि इन अहम पदों पर पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा, इससे आने वाले नेताओं के समूह को वैध बनाने तथा पार्टी का नेतृत्व करने के लिए उन्हें विश्वसनीय जनादेश देने में मदद मिलेगी.’

तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘फिर भी एक नए अध्यक्ष का चुनाव करना पुनरुद्धार की ओर एक शुरुआत है, जिसकी कांग्रेस को सख्त जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि चुनाव के लिए कई उम्मीदवार सामने आएंगे. पार्टी और देश के लिए अपने विचारों को सामने रखना निश्चित तौर पर जनहित को जगाएगा.’

शशि थरूर का चुनाव लड़ना राहुल गांधी के लिए कड़ी चुनौती!

शशि थरूर ने कहा कि हालांकि, पार्टी को पूरी तरह से पुनर्जीवित करने की जरूरत है, लेकिन नेतृत्व के जिस पद को तत्काल भरने की जरूरत है वह स्वाभाविक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष का पद है. बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से ही सोनिया गांधी पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रही हैं.

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