Uttarakhand

उत्तराखंड सरकार ने महंगाई भत्ते पर लगी रोक हटाने का लिया फैसला

देहरादून, पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को राज्य के सरकारी, अर्द्ध सरकारी व कार्यप्रभारित कार्मिकों और पेंशनर को बड़ा तोहफा दिया। कोरोना काल में महंगाई भत्ते पर लगी रोक हटाने का निर्णय लिया गया है। साथ में बीती एक जुलाई से महंगाई भत्ता 11 फीसद बढ़ाकर, यानी 28 फीसद दिया जाएगा। मंत्रिमंडल का फैसला होने के कुछ देर बाद ही शासन ने महंगाई भत्ते के संबंध में आदेश भी जारी कर दिया। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 28 बिंदुओं पर निर्णय लिए गए। तीन मामले स्थगित किए गए, जबकि दो मामले में फैसले लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया। कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि मंत्रिमंडल ने राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी निकायों के नियमित कार्मिकों, कार्य प्रभारित व यूजीसी वेतनमान ले रहे शिक्षकों और पेंशनर के लिए महंगाई भत्ता बहाल करने का निर्णय लिया है।

नई पेंशन खाते में जमा होगा पेंशन अंशदान

एक जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 तक की अवधि में महंगाई भत्ते की दर मूल वेतन का 17 फीसद रहेगी। इसके बाद 11 फीसद वृद्धि के साथ भत्ता दिया जाएगा। एक जुलाई, 2021 से 31 अगस्त, 2021 तक महंगाई भत्ते के एरियर का नकद भुगतान किया जाएगा। एक सितंबर से महंगाई भत्ते का भुगतान नियमित वेतन के साथ किया जाएगा। अंशदायी पेंशन योजना से आच्छादित कार्मिकों के पेंशन अंशदान नियोक्ता के अंश के साथ नई पेंशन योजना के खाते में जमा की जाएगी। शेष धनराशि नकद भुगतान की जाएगी।

कैबिनेट के प्रमुख फैसले

-सहायताप्राप्त शिक्षण संस्थाओं, शहरी निकायों, यूजीसी वेतनमान ले रहे शिक्षकों समेत ढाई लाख से ज्यादा कार्मिकों व पेंशनर का डीए बहाल

-शासनादेश जारी, एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक 17 फीसद और इसके बाद 28 फीसद मिलेगा डीए, एक सितंबर से नियमित वेतन के साथ मिलेगा भत्ता

-पर्वतीय क्षेत्र में पहला नगर निगम बना श्रीनगर, नगरपालिका के उच्चीकरण को मंजूरी, टिहरी में तपोवन क्षेत्र को नगर पंचायत बनाने की स्वीकृति

-ऊधमसिंहनगर जिले में नगला और चम्पावत में लोहाघाट को नगर पालिका परिषद बनाने का निर्णय

-केदारनाथ व बदरीनाथ में पुनर्निर्माण के तहत अधिप्राप्ति नियमावली में मिलेगी छूट, अब 75 लाख तक के कार्य एकल निविदा से कराए जा सकेंगे

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