GovernmentUttarakhand

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी हिंदू विरोधी हैं, धामी को भगाओ: शिवसेना

कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश उत्तराखंड सरकार के अलग-अलग फैसलों का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। अब इसे देखते हुए शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधा है। जी दरअसल हाल ही में शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी को अपने निशाने पर लिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है, ‘सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की तीसरी लहर का खतरा होने के बाद भी ‘कांवड़ यात्रा’ को मंजूरी दे दी। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। कांवड़ यात्रा हिंदुओं की श्रद्धा का विषय है, यह स्वीकार है, लेकिन कुंभ मेले से लेकर कांवड़ यात्रा तक भीड़ का सैलाब आता है, उस बाढ़ में अंतत: भक्तों के ही शव बहते नजर आते हैं।’

आपको बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा था कि आगामी 25 जुलाई को राज्य में शुरू हो रही कांवड़ यात्रा में कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ-साथ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए जाने वाले दिशानिर्देशों का भी सख्ती से पालन किया जाएगा। वहीँ दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति देने की खबर का स्वत: संज्ञान लिया है इस मामले पर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र से भी जवाब- तलब किया है।

वही शिवसेना के मुखपत्र सामना में यह भी कहा गया है कि, ‘उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया, यह उनका अनुभव बुद्धिमत्ता ही है, तो क्या धामी हिंदू विरोधी हैं? ऐसा आरोप लगाकर धामी को भगाओ, कोई ऐसी मांग करने वाला है?’ इसके अलावा संपादकीय में यह भी दावा किया गया है कि 2019 की कांवड़ यात्रा के लिए साढ़े तीन करोड़ लोग हरिद्वार गए थे। उसी समय यात्रा के उपलक्ष्य में 2 से 3 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर पहुंचे थे। इस बार भी ऐसी ही भीड़ जुटेगी, इससे कोरोना तो है ही, परंतु पाबंदियों का उल्लंघन करने से कानून सुव्यवस्था की समस्या भी खड़ी होगी। आगे सामना में यह भी कहा गया है कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की तीसरी लहर के संदर्भ में लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। सर्वाोच्च न्यायालय को भी यह बार-बार कहना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री कह रहे हैं फिर भी महाराष्ट्र के भाजपाई नेता होश में नहीं आ रहे हैं।’

Related Articles

Back to top button