उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के चयन के बाद,मुख्यमंत्री धामी के मंत्रिमंडल पर टिकी सबकी निगाहें
भाजपा नेतृत्व द्वारा पुष्कर सिंह धामी पर फिर से विश्वास जताए जाने के बाद अब धामी मंत्रिमंडल के सदस्यों के नाम को लेकर मंथन शुरू हो गया है। समझा जा रहा है कि मंत्रिमंडल में अनुभव और युवा जोश का संगम देखने को मिलेगा।
ऐसे में कुछ नए चेहरों को जगह मिलना तय है तो कुछ पुराने चेहरों को विश्राम दिया जा सकता है। इसमें पिछले प्रदर्शन को कसौटी पर परखा जाएगा। यही नहीं, महिला विधायकों को भी इस बार मंत्रिमंडल में अधिक प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। समझा जा रहा है कि जल्द ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत के बाद मंत्रिमंडल के सदस्यों के नाम तय कर दिए जाएंगे।
पार्टी ने 20 नए चेहरों को अवसर दिया
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ‘युवा उत्तराखंड-युवा मुख्यमंत्री’ का नारा दिया था। इस कड़ी में पार्टी ने 20 नए चेहरों को अवसर दिया, जिनमें से 12 ने जीत दर्ज की। इसके अलावा निर्वाचित विधायकों में से 35 पुराने चेहरे हैं। भाजपा के कुल 47 विधायकों में 12 पूर्व मंत्री हैं, जिनमें से आठ पिछली धामी सरकार में मंत्री थे। यही नहीं, भाजपा की महिला विधायकों की संख्या भी छह है।
मंत्रिमंडल को लेकर माथापच्ची शुरू
अब जबकि, पुष्कर सिंह धामी ही नेता भाजपा विधायक दल चुने जा चुके हैं, तो मंत्रिमंडल को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है। जैसा परिदृश्य है, उससे साफ है कि इस बार धामी मंत्रिमंडल में चेहरे बदल सकते हैं।
इन तीन पदों पर नए चेहरों का आना तय
असल में पिछली सरकार में मंत्री रहे हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, जबकि एक अन्य मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद इस बार चुनाव हार गए। ऐसे में इन तीन पदों पर नए चेहरों का आना तय है। मंत्री पद के शेष आठ पदों पर क्या पुराने सदस्यों को अवसर दिया जाएगा या फिर इनमें भी फेरबदल किया जाएगा, इसे लेकर मंथन का दौर जारी है। साथ ही राजनीतिक गलियारों में भी इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है।
इसके साथ ही सरकार में मंत्री पद के दावेदारों ने जुगत भिड़ानी भी शुरू कर दी है। हाल में पार्टी के कुछ विधायकों की दिल्ली दौड़ और केंद्रीय नेताओं से हुई मुलाकात को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। दावेदारों ने अब अपने-अपने स्तर से प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके अलावा युवा विधायक और महिला विधायक भी मंत्री पद की आस लगाए बैठे हैं।
पिछले प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाएगा
पिछली सरकार में सिर्फ एक महिला मंत्री थी, जबकि शुरुआत में महिला विधायकों की संख्या तीन और बाद में उपचुनाव के बाद पांच हो गई थी। पार्टी सूत्रों का कहना है मंत्रियों के नाम तय करने के मद्देनजर सभी पहलुओं पर मंथन चल रहा है।
नाम तय करते वक्त मंत्री व विधायक रहते हुए पिछले प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाएगा, तो नए चेहरों को भी अवसर दिया जाएगा। क्षेत्रीय व जातीय संतुलन साधने के भी प्रयास होंगे। मंत्रिमंडल के सिलसिले में उच्च स्तर पर भी विमर्श हो रहा है। यह भी संभव है कि मुख्यमंत्री के साथ कुछ मंत्री शपथ लेंगे, जबकि शेष बाद में।
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