उत्तराखंड: कसार देवी मंदिर है विदेशी सैलानियों की पहली पसंद, यहां NASA ने भी झुकाया है सिर
देश विदेश के पर्यटकों के साथ ही संगीतकारों और लेखकों को ये जगह हमेशा से आकर्षित करती रही है।
Almora Kasar Devi Temple
कहा जाता है कि कुमाऊं क्षेत्र में स्थित कसार देवी मंदिर के चारों तरफ भू-चुंबकीय क्षेत्र बहुत ज्यादा मजबूत है। कुदरत की खूबसूरती के साथ ही यहां मानसिक शांति भी महसूस होती है। देश विदेश के पर्यटकों के साथ ही संगीतकारों और लेखकों को ये जगह हमेशा से आकर्षित करती रही है। यहां से हिमालय की खूबसूरत पर्वतमालाओं का दीदार होता है। सूकुन के अलावा ध्यान और योग के लिए भी विदेशी पर्यटक यहां पहुंचते हैं। विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से यहां के ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। विदेशी पर्यटक यहां के ग्रामीणों के आवासों में किराए पर कमरा लेकर महीनों और सालों तक रहते हैं, जिससे कई गांव तो विदेशी गांव जैसे प्रतीत होते हैं। हरे-भरे पहाड़ों से घिरे कसार देवी मंदिर से हिमालय का विराट विस्तार दिखाई देता है। आगे पढ़िए
साल 1930 में यहां सिमतोला में नृत्य सम्राट उदय शंकर ने नृत्य अकादमी बनाई थी, उस समय भी यह क्षेत्र देशी-विदेशी कलाकारों से गुलजार रहता था। स्वामी विवेकानंद ने भी यहां ध्यान-साधना की थी। पर्यटकों की पसंदीदा जगह होने से अब इस क्षेत्र में अनेक होमस्टे, रिजॉर्ट और होटल बन गए हैं। कसार देवी से सटे माट, मटेना, गदोली, पपरसैली और डीनापानी जैसे कई गांवों की आर्थिक व्यवस्था सुधरी है। क्षेत्र में आस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका और इजरायल के कई पर्यटक रह रहे हैं। कसारदेवी मंदिर के आसपास वाला पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है, जहां धरती के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है। इस पिंड में विद्युतीय चार्ज कणों की परत होती है, जिसे रेडिएशन भी कह सकते हैं। कसारदेवी मंदिर और दक्षिण अमेरिका के पेरू में स्थित माचू-पिच्चू व इंग्लैंड के स्टोन हेंज में अद्भुत समानताएं हैं। बेहद कम पैसे में एक अच्छे ट्रिप के लिए आप अल्मोड़ा जा सकते हैं। यहां जागेश्वर मंदिर, नंदा देवी मंदिर, कसार देवी मंदिर और स्वामी विवेकानंद मंदिर के दर्शन करने को मिलेंगे।
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