प्रदेश के निर्यात को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी उत्तर प्रदेश निर्यात नीति 2025-30ः नन्दी
उत्तर प्रदेश की वर्तमान में लागू निर्यात नीति 2020-25 की समयावधि समाप्ति की ओर होने के कारण नवीन निर्यात नीति 2025-30 लागू करने के पूर्व निर्यात संवर्धन परिषदों, औद्योगिक संगठनों, निर्यातकों, जानकारों एवं स्टेकहोल्डर्स के सुझाव एवं विचार जानने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, निवेश प्रोत्साहन एवं एनआरआई मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की अध्यक्षता में सोमवार को होटल सेन्ट्रम में एक कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें सभी जानकारों, निर्यातकों आदि ने अपने विचार रखे और प्रस्तावित निर्यात नीति को लेकर अपने सुझाव दिए।
कार्यशाला में औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने कहा कि किसी भी राज्य या देश के औद्योगिक विकास के लिए चार सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉ एण्ड ऑर्डर, कनेक्टिविटी और इंडस्ट्रियल पॉलिसी। भारतीय इतिहास के सबसे विजनरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरक मार्गदर्शन और उत्तर प्रदेश के सबसे परफार्मिंग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने पिछले सात वर्षों के दौरान इन चारों स्तम्भों को बेहद मजबूत किया है। उत्तर प्रदेश में वैश्विक स्तर की अवस्थापना सुविधाएं, चुस्त दुरूस्त कानून व्यवस्था, बेहतरीन एयर, वाटर, रेलवे व रोड कनेक्टिविटी और व्यवहारिक औद्योगिक नीति ने पूरे इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम को बदल दिया है।
इन सकारात्मक प्रयासों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश निवेश का सर्वाेत्तम डेस्टिनेशन बन कर सामने आया है। निवेशक और उद्यमी उत्तर प्रदेश में अपनी इण्डस्ट्री, इन्वेस्टमेंट व ट्रेड की सुरक्षा को लेकर पूर्णतः आश्वस्त हैं। हमारी सरकार ने औद्योगिक विकास के दोनों पहलुओं अर्थात निवेश और निर्यात दोनों को समान प्राथमिकता दी है। किसी भी इन्वेस्टमेंट के धरातल पर साकार रूप लेने से होने वाले प्रोडक्शन को निर्यात की पर्याय सम्भावनाएं प्राप्त हों, इसके लिए हमारी सरकार ने सतत प्रयास किए हैं। उत्तर प्रदेश में एयरपोर्ट, रेलवेज, हाईवेज, वाटरवेज और एक्सप्रेसवेज के अभूतपूर्व विकास से निर्यात की सम्भावनाओं में व्यापक वृद्धि हुई है। ट्रांसपोर्टेशन सस्ता, सुलभ एवं व्यापक हुआ है। यही कारण है कि पिछले सात वर्षों में उत्तर प्रदेश के निर्यात में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है। जहां वित्तीय वर्ष 2017-18 में उत्तर प्रदेश का निर्यात 88 हजार करोड़ था, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 170 हजार करोड़ हो गया है। यह उपलब्धि अत्यंत उत्साहजनक एवं ऐतिहासिक है। हमने एक प्रभावशाली एवं समग्र विकास को सुनिश्चित करने वाली सर्वश्रेष्ठ निर्यात नीति 2020-25 लागू की। स्टेकहोल्डर्स से निरन्तर संवाद, समन्वय और उनसे किए गए वादों को पूरा करना हमारी प्राथमिकता है। वर्तमान में प्रचलित निर्यात नीति की समयावधि 2025 में समाप्त होने के कारण हमारी सरकार 2025-30 के लिए निर्यात नीति निर्धारित करने से पूर्व स्टेकहोल्डर्स और निर्यातकों के सुझाव एवं विचार जानना चाहती है ताकि एक बेहतर नीति को लागू किया जा सके।
प्रमुख सचिव सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन आलोक कुमार ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में हो रहे परिवर्तनों एवं भूराजनीतिक तनाव के कारण भारत एवं प्रदेश के निर्यात के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इनके प्रभावी समाधान तथा प्रदेश के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश निर्यात नीति 2025-30 प्रख्यापित की जाएगी।
इस अवसर पर सचिव एमएसएमई एवं एक्सपोर्ट प्रांजल यादव, कमिश्नर एवं डायरेक्टर उद्योग विजेंद्र पांडियन, संयुक्त महानिदेशक विदेश एवं व्यापार महानिदेशालय भारत सरकार, डायरेक्टर जनरल फियो अजय सहाय, ज्वाइंट कमिश्नर एक्सपोर्ट पवन अग्रवाल, एडीशनल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल राजेश रावत आदि गणमान्यजन उपस्थित रहे।
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