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एक बेहतर मंत्री बनने के लिए विधायी प्रक्रिया, नियमों और कानूनों की होनी चाहिए पूर्ण जानकारी

हरियाणा विधानसभा के सदस्यों के लिए लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) के सहयोग से हरियाणा विधानसभा में आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के दूसरे दिन आज विधायी कार्यो पर विभिन्न वक्ताओं ने विधायको का ज्ञानवर्धन किया। जिसमें केंद्रीय आवास एवं उर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल, गुजरात विधानसभा अध्यक्ष श्री शंकर भाई चौधरी, हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानिया, लोकसभा के पूर्व सदस्य डॉ सत्यपाल सिंह और राज्य सभा सचिवालय से अतिरिक्त व सयुक्त सचिव स्तर के अधिकारयों नंे अपने-अपनें विचार रखें।

इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविन्द्र सिंह कल्याण ने प्रबोधन कार्यक्रम में आए वक्ताओं का स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिंह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया।

केंद्रीय आवास एवं उर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल ने विधायी प्रक्रियों में मंत्रियों की भूमिका विषय पर बोलते हुए अपने साढ़े 9 वर्ष के बतौर मुख्यमंत्री और अब तक 250 दिनों के कंेद्रीय मंत्री के रूप में अपने अनुभव विधानसभा सदस्यों के साथ सांझा किए। श्री मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें हरियाणा प्रदेश की 13वीं व 14वीं विधानसभा में सदस्य के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा करने का सौभग्य मिला है।

उन्होंने बताया कि एक बेहतर मंत्री बनने के लिए एक सदस्य को विधायी प्रक्रिया, नियमों और कानूनों के साथ-साथ अपने विभागों के अलावा दूसरे विभागों के महत्वपूर्ण विषयों की भी पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। ताकि वें विधानसभा सत्रों के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों का पूरी जानकारी के साथ उतर दे सके।

उन्होंने कहा कि कई बार परिस्थियों अनुसार विधानसभा के माध्यम से नए कानून बनाने की आवश्यकता होती है और कानून में संशोधन भी करना पड सकता है। एसे में एक मंत्री को सम्बंधित कानून के ड्राफट का गहनता से अध्ययन करना चाहिए, ताकि उसके उदेश्यों से भलीभांति परिचित हो सकें। श्री मनोहर लाल ने साधारण बिल व मनी बिल के बारे में भी विधायको को विस्तार से जानकारी दी।

विधानसभा सवांद करने का एक मंच है न कि वाद-विवाद का – शंकर भाई चौधरी

इससे पूर्व गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष श्री शंकर भाई चौधरी ने विधायी अनुभव विषय पर अपने अनुभव को सांझा करते हुए कहा कि विधानसभा सवांद करने का एक मंच है न कि वाद-विवाद करने का। उन्होंने कहा कि विधानसभा सदस्य सदन की मर्यादा में रहते हुए अपनी बात रखें और साथ ही अन्य सदस्यों को भी धैर्य के साथ सुनें। उन्होंने कहा कि विधायकों को तथ्यों के आधार पर अपना मजबूत पक्ष रखना चाहिए। क्योकि तथ्यों के आधार पर रखी हुई बात का अधिक प्रभाव होता है। उन्होंने कहा कि तकनीक के बढ़ते उपयोग से विधायको को अपने आपको तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने हरियाणा विधानसभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘नेवा‘ लागू करने में विधानसभा ने अग्रणीया भूमिका निभाई है।

श्री शंकर भाई चौधरी ने हरियाणा की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाणा अदभुत है हरियाणा कृषि की भूमि है। हरियाणा की पावन धरा से भगवान श्री कृष्ण ने सम्पूर्ण मानवता को कर्म और शांति का दिव्य संदेश दिया है। हरियाणा के खिलाडियों व जवानो पर हमें गर्व है। हरियाणा के खिलाड़ी प्रदेश का नाम देश व विदेश में रोशन कर रहे है। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व की 5वें सबसे बडी आर्थिक शक्ति बनकर उभरा है। देश में सवैधानिक संस्थाओं का सरक्षण और संर्वधन किया है। सविधान का मान-सम्मान करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। जितना अधिक हम सवैधानिक संस्थाओं को सम्मान देंगे उतना ही हमारा देश प्रगति करेगा।

प्रबोधन कार्यक्रम से नए चुन कर आए सदस्यों को होगा विशेष लाभ – कुलदीप सिंह पठानिया

इस दौरान हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानिया ने विधायी अनुभव विषय पर बोलते हुए कहा कि हरियाणा विधानसभा द्वारा विधायको के लिए प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन एक अच्छी पहल है जिससे विशेषकर नए चुन कर आए सदस्यों को विधायी कार्यो को बेहतर ढंग से करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सदस्यों को समय निकालकर तकनीक के माध्यम से जानकारी जुटाने के साथ-साथ सदैव नए नियमों और कानूनों से परिचित रहना चाहि

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