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“बजट 2023 में ‘मनरेगा’ के लिए कम आवंटन की ये है खास वजह…”

ए अनंत नागेश्वरन ने NDTV से कहा, “मनरेगा योजना के लिए कम आवंटन करने के पीछे एक अहम वजह ये है कि हमने पीएम आवास योजना (ग्रामीण) और जल जीवन मिशन के लिए बजटीय आवंटन में काफी वृद्धि की है.

नई दिल्ली: 

बजट 2023 को लेकर सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन विपक्ष बीते दिनों पेश किए गए आम बजट को लेकर सरकार से सवाल पूछ रही है. सोमवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इंडियन एक्सप्रेस अख़बार में एक लेख के जरिये सरकार से मनरेगा, मिड-डे मील जैसी बड़ी सामाजिक सेक्टर की योजनाओं के बजट के आवंटन में कटौती को लेकर सवाल पूछा है. सोनिया गांधी ने अपने लेख में लिखा कि सरकार इन योजनाओं के बजट में कटौती करके गरीबों के खिलाफ काम कर रही है. सोनिया गांधी के अलावा कई अन्य पार्टियों ने भी इस बार के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कई योजनाओं में की गई फंड की कटौती पर सवाल उठाए थे. NDTV ने मुख्य आर्थिक सलाहाकार से इस बजट में कई योजनाओं के फंड आवंटन में की गई कटौती को लेकर खास बातचीत की. NDTV से खास बातचीत में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार ए अनंत नागेश्वरन ने कहा कि सरकार ने सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए सोच-समझकर बजटीय आवंटन किया है.  

ए अनंत नागेश्वरन ने NDTV से कहा, “मनरेगा योजना के लिए कम आवंटन करने के पीछे एक अहम वजह ये है कि हमने पीएम आवास योजना (ग्रामीण) और जल जीवन मिशन के लिए बजटीय आवंटन में काफी वृद्धि की है. हमारी उम्मीद है कि इन योजनाओं के तहत कई ग्रामीण श्रमिकों को और अधिक रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे.इन योजनाओं के कार्यान्वयन में कई ग्रामीण श्रमिकों को भी शामिल किया जाएगा. हम उम्मीद करते हैं कि अर्थव्यवस्था में 10% की नॉमिनल रेट से वृद्धि से बढ़ेगी. इससे कई ग्रामीण श्रमिकों के लिए शहरी इलाकों में निर्माण क्षेत्र जैसे सेक्टरों में रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे”.

पीएम किसान सम्मान निधि के बजटीय आवंटन में की गयी कटौती पर मुख्या आर्थिक सलाहकार ने  एनडीटीवी से कहा, पीएम-किसान के लिए आवंटन को संशोधित किया गया है क्योंकि हम efficient आवंटन चाहते हैं. इस योजना से हाल के दिनों में कई अयोग्य लाभार्थियों को हटाया गया है जो इस योजना के लिए क्वालीफाई नहीं करते थे.  

बता दें कि सोमवार को इंडियन एक्सप्रेस में छपे अपने लेख में सोनिया गांधी ने कहा कि बजट 2023-24 गरीबों पर मोदी सरकार का एक मौन प्रहार है. मनरेगा के लिए फंडिंग को एक तिहाई कम कर दिया गया है, जिससे वो 2018-19 के स्तर से नीचे आ गया है. पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न मनमाने ढंग से बंद करने के बाद से गरीबों को मिलने वाला राशन आधा कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस बजट में स्कूलों में मिड डे मील के लिए आवंटन करीब 10% तक घटा दिया गया है. यहां तक की सरकार ने इस बजट में अल्पसंख्यकों और विकलांगों के लिए योजनाओं के आवंटन और बुजुर्गों के लिए पेंशन में भी कमी की है. 

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