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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शहर में उल्लास, मंदिरों में गूंजे जयकारे

लखनऊ, 16 अगस्त। भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे उल्लास और आस्था के साथ मनाया गया। आधी रात बारह बजे मथुरा नगरी में जन्मे नंदलाल के जयकारों से मंदिरों और घरों का वातावरण भक्तिमय हो उठा।

शहर के इस्कॉन मंदिर, अलीगंज हनुमान मंदिर और अन्य प्रमुख मंदिरों को फूलों व झालरों से सजाया गया। श्रद्धालुओं की भीड़ दिनभर मंदिरों में उमड़ती रही। भक्तों ने उपवास रखा और रात्रि बारह बजे श्रीकृष्ण जन्म का उत्सव धूमधाम से मनाया।

पूरे दिन झाँकियों, रासलीला और झूला झूलन उत्सव का आयोजन हुआ। बच्चों ने बाल गोपाल का रूप धारण कर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। वहीं कई स्थानों पर दही-हांडी प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं, जिनमें युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

पंडितों के अनुसार, इस बार जन्माष्टमी का पर्व 15 अगस्त की रात्रि 08:39 बजे से 16 अगस्त की रात्रि 11:03 बजे तक अष्टमी तिथि में मनाया गया। रोहिणी नक्षत्र और अर्धरात्रि पूजन का विशेष संयोग 16 अगस्त की मध्यरात्रि को रहा।

भक्तों ने ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ और ‘हाथी-घोड़ा-पालकी, जय कन्हैया लाल की’ के जयकारों से वातावरण गूंजा।

कार्यक्रमों में शामिल श्रद्धालुओं ने कहा कि श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेम, त्याग और धर्म की रक्षा का संदेश मिलता है। गीता का उपदेश आज भी जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

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