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वैक्सीन की किल्लत होगी जल्द खत्म, मई-जून से कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता होगी दोगुनी, आयातित भी होगी वैक्सीन

 आगामी मई के आखिरी हफ्ते से लेकर जून तक कोरोना वैक्सीन की किल्लत खत्म होने की संभावना है। सरकार स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता को मई-जून तक दोगुना करने जा रही है। वहीं, आगामी चार से छह सप्ताह में अमेरिका, जापान, ब्रिटेन व यूरोप में इस्तेमाल हो रही वैक्सीन का आयात भी शुरू हो सकता है। गुरुवार को सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्स कंट्रोल आर्गनाइजेशंस (सीडीएससीओ) ने इसकी मंजूरी दी थी।

कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में सरकार देगी वित्तीय मदद

बायोटेक्नोलाजी विभाग के मुताबिक, भारत में कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी के लिए सरकार वित्तीय मदद देगी। इस साल जुलाई-अगस्त तक इस क्षमता में वर्तमान क्षमता के मुकाबले छह-सात गुना बढ़ोतरी हो सकती है।

सितंबर तक कोवैक्सीन का उत्पादन बढ़कर 10 करोड़ डोज होने का अनुमान

अप्रैल में एक करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन होगा जो इस साल जुलाई-अगस्त में बढ़कर छह-सात करोड़ डोज हो जाएगा तो इस साल सितंबर तक कोवैक्सीन का उत्पादन बढ़कर हर महीने लगभग 10 करोड़ डोज होने का अनुमान है।

भारत सरकार भारत बायोटेक को उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए देगी 65 करोड़ रुपये

बायोटेक्नोलाजी विभाग के मुताबिक, भारत सरकार कोवैक्सीन बनाने वाली हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के बेंगलुरु प्लांट को उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 65 करोड़ रुपये दे रही है। इसके अलावा तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां भी वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगी। इनमें महाराष्ट्र सरकार की कंपनी हैफकिन बायोफार्मास्युटिकल्स, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) से जुड़ी हैदराबाद स्थित इंडियन इम्युनोलाजिकल लिमिटेड (आइआइएल) और बायोटेक्नोलाजी विभाग के तहत काम करने वाली बुलंदशहर स्थित केंद्रीय सार्वजनिक कंपनी बायोलाजिकल लिमिटेड (बीबकोल) शामिल हैं।

हैफकिन को वैक्सीन उत्पादन के लिए 65 करोड़ रुपये दिए जाएंगे

हैफकिन को भारत सरकार ने वैक्सीन उत्पादन के लिए तैयार रहने को कहा है और इस सुविधा को विकसित करने के लिए सरकार की तरफ से हैफकिन को 65 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वैक्सीन उत्पादन सुविधा विकसित करने के लिए हैफकिन को एक साल का समय दिया गया है। हालांकि सरकार ने हैफकिन से अगले छह महीने में इस सुविधा को पूरा करने के लिए कहा है। इस उत्पादन केंद्र की प्रतिमाह क्षमता दो करोड़ वैक्सीन डोज की होगी। वैसे ही आइआइएल और बीबकोल को भी सरकार आगामी अगस्त-सितंबर से एक से डेढ़ करोड़ वैक्सीन बनाने की क्षमता विकसित करने के लिए आर्थिक मदद देगी।

आयातित वैक्सीन चार-छह सप्ताह में भारत में होगी उपलब्ध

दूसरी तरफ, वैक्सीन के आयात के लिए सरकार आवेदन को तीन दिन में अपनी मंजूरी देगी। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे में अगले चार-छह सप्ताह में आयातित वैक्सीन भी भारत में उपलब्ध हो सकती है।

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