
— व्यवस्था पर उठे सवाल, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
पुरी (ओडिशा)
सदियों पुरानी परंपरा और भक्ति के केंद्र पुरी में रविवार को रथयात्रा के दौरान भयानक भगदड़ मच गई। हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बीच स्थिति बेकाबू हो गई, जिसके चलते तीन श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
भगदड़ की यह घटना उस समय हुई जब भगवान जगन्नाथ जी का रथ गुंडिचा मंदिर की ओर खींचा जा रहा था। जैसे ही रथ मंदिर के मुख्य द्वार के पास पहुँचा, श्रद्धालुओं की भीड़ एक ओर से अधिक दब गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आयोजकों और पुलिस द्वारा समुचित भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था नहीं थी। नतीजतन रथ खींचने के दौरान हजारों की भीड़ पर काबू पाना मुश्किल हो गया। कई श्रद्धालु फिसलकर नीचे गिर पड़े और अन्य लोगों की चपेट में आ गए।

घटना के बाद मौके पर पहुँची एंबुलेंस और एनडीआरएफ की टीमों ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को तात्कालिक रूप से पुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से कई को बाद में कटक मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, कुछ घायलों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख की सहायता राशि और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है। साथ ही घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “भक्ति की भूमि पर ऐसी घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
घटना के बाद श्रद्धालुओं में आक्रोश है। कई लोगों ने रथयात्रा समिति और जिला प्रशासन को लापरवाही का दोषी ठहराया है। सामाजिक संगठनों ने घटना की निष्पक्ष जांच और भविष्य में बेहतर प्रबंधन की माँग की है।
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