
नई दिल्ली।
भारतीय क्रिकेट में एक युग का अंत हो चुका है। रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है, जिससे टीम इंडिया को विदेशी दौरों—विशेषकर इंग्लैंड जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों—में एक बड़ा झटका लग सकता है। आंकड़े बताते हैं कि 2018 से अब तक इंग्लैंड में सिर्फ दो भारतीय बल्लेबाज़ों ने 40 से अधिक की औसत से रन बनाए हैं, और ये दोनों नाम हैं रोहित शर्मा और विराट कोहली।

🔹 2018 के बाद इंग्लैंड में भारतीय बल्लेबाज़ों का प्रदर्शन
इंग्लैंड में गेंदबाज़ों को स्विंग और सीम से मदद मिलती है, जिससे विदेशी बल्लेबाज़ों को रन बनाना बेहद कठिन हो जाता है। लेकिन रोहित और कोहली ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया।
- विराट कोहली (2018–2022):
- मैच: 9
- रन: 928
- औसत: 51.55
- शतक: 2
- हाई स्कोर: 149
- रोहित शर्मा (2021):
- मैच: 4
- रन: 368
- औसत: 52.57
- शतक: 1 (127 रन, ओवल में)
इन दोनों के अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज़ इंग्लैंड में 40 से ऊपर की औसत से रन नहीं बना सका है।
🔹 क्यों है यह संन्यास एक रणनीतिक चुनौती?
रोहित और कोहली न केवल रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, बल्कि टीम के अनुभव और आत्मविश्वास का भी स्रोत थे।
उनकी अनुपस्थिति में युवा खिलाड़ियों पर ज़िम्मेदारी बढ़ेगी, लेकिन इंग्लैंड जैसी मुश्किल परिस्थितियों में अनुभव की कमी टीम के लिए चिंता का कारण बन सकती है।
🔹 अब किस पर होगी नज़र?
टीम इंडिया को अब चेतेश्वर पुजारा, शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज़ों से उम्मीद करनी होगी। हालांकि ये सभी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, लेकिन विदेश में स्थिर प्रदर्शन करना एक अलग ही चुनौती है।
🔚 निष्कर्ष
रोहित शर्मा और विराट कोहली का टेस्ट से जाना केवल दो दिग्गजों का रिटायर होना नहीं है, यह टीम इंडिया की एक मज़बूत बैटिंग रीढ़ का कमजोर होना है। इंग्लैंड जैसे विदेशी दौरे अब पहले से कहीं ज्यादा कठिन हो सकते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अगली पीढ़ी के खिलाड़ी इस खालीपन को कैसे भरते हैं।
अन्य खबरों के लिए हमसे फेसबुक पर जुड़ें। आप हमें ट्विटर पर फ़ॉलो कर सकते हैं. हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।
किसी भी प्रकार के कवरेज के लिए संपर्क AdeventMedia: 9336666601