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सूर्य की किरणों से जगमग हुआ रामलला का ललाट

रामनगरी अयोध्या में आज रामनवमी की धूम है। नव भव्य राम मंदिर में प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। रामलला के ललाट पर विशेष यंत्र द्वारा सूर्य तिलक किया गया। सूर्य की किरणें जैसे ही रामलला के ललाट पर पड़ी उनका ललाट जगमग हो उठा।रामलला का सूर्य तिलक से पहले उनका दिव्य श्रृंगार किया गया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने एक्‍स पर तस्‍वीरें शेयर करते हुए ल‍िखा, ‘श्री राम नवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

कैसे संपन्न हुआ सूर्य तिलक

दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें एक दर्पण से टकराने के बाद पीतल की पाइप के सहारे दूसरे दर्पण की तरफ गईं। इसके बाद दूसरे दर्पण से टकराकर तीसरे दर्पण की ओर गईं।

सूर्य की किरणें दर्पण से टकराने के बाद सीधे पाइप के मुहाने से निकली, और सीधे राममला के ललाट तक पहुंची। इसके बाद पांच मिनट तक रामलला का सूर्यतिलक हुआ।

धनिया की पंजीरी जरूरी

राम जन्मोत्सव के साथ धनिया की महत्ता भी विवेचित है। सामान्य तौर पर आटे की पंजीरी की परंपरा है, किंतु राम जन्मोत्सव के अवसर पर सूखी धनिया को पीस कर उसकी पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जाता है। जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य के अनुसार इसमें राम जन्मोत्सव की मिठास घुली है। प्रसव के उपरांत शिशु और मां के लिए औषधीय गुणों से युक्त धनिया की पंजीरी सोंठौरा की तरह लाभकारी मानी जाती है।

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