पंजाब : मेगा पीटीएम ने पंजाब की शिक्षा प्रणाली की नुहार बदली: विद्यार्थियों और अभिभावकों ने मुख्यमंत्री को दी जानकारी
विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े अभिभावकों और शिक्षकों ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की ओर से शिक्षा क्षेत्र में उनके जीवन को नई दिशा देने वाले महत्वपूर्ण प्रयासों की सुधारों की सराहना की।
मंगलवार को यहां मेगा पीटीएम में शिरकत करने आए मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान अभिभावकों और विद्यार्थियों ने कहा कि राज्य में शिक्षा क्रांति ने सामाजिक-आर्थिक बाधाओं को पार कर उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। एक किसान की बेटी और कार्डियोलॉजिस्ट बनने की इच्छुक महक शर्मा ने अपने विचार साझा करते हुए स्कूल द्वारा दी जाने वाली मुफ्त कोचिंग के लिए धन्यवाद किया। महक ने कहा कि शिक्षा विभाग की नवीन पहल, स्कूल ऑफ एमिनेंस, उनके लिए एक वरदान साबित हुआ है। उन्होंने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए अपने शिक्षकों की भी सराहना की।
स्कूल प्रबंधन कमेटी की चेयरपर्सन और कॉन्वेंट स्कूल की पूर्व छात्रा की मां आशा रानी ने स्कूल ऑफ एमिनेंस के बारे में कहा कि हर छात्र को पाठ्यपुस्तकें और अन्य सुविधाएं मुफ्त दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक पाठ्यक्रम के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का भी महत्व समझाते हैं। उन्होंने अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में दाखिल करवाने के अपने फैसले को सही और उचित बताया।
छात्रा गुरप्रीत के पिता घनश्याम ने कहा कि उनकी बेटी का डॉक्टर बनने का सपना स्कूल ऑफ एमिनेंस की बदौलत साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों का हाथ थामा है।
दरशना रानी, जो एक मजदूर की पत्नी हैं, ने सस्ती कोचिंग के लिए धन्यवाद दिया, जिसने उनके बेटे को एनडीए की परीक्षा देने के सपने को पूरा करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे के सपने केवल इसलिए पूरे हो रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री ने राज्य में शिक्षा क्षेत्र को उन्नत किया है।
गंगूवाल की प्राची, जो कि कान्वेंट स्कूल की पूर्व छात्रा है, ने स्कूल ऑफ एमिनेंस में उसको दाखिल करवाने के अपने अभिभावकों के निर्णय की प्रशंसा की। प्राची ने कहा कि स्कूल में पाठ्यक्रम व अनुकूल वातावरण बहुत जरुरी है, जो कि विद्यार्थियों के सर्वपक्षीय विकास के लिए वरदान साबित हो सकता है।
अमनप्रीत कौर, जिनके पिता दिल के मरीज हैं, ने कहा कि वह अब पूरी दृढ़ता और आत्मविश्वास के साथ एनडीए की परीक्षा पास करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल उन्हें उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान कर रहा है, जो उन्हें अपने कॉन्वेंट स्कूल में पढ़े साथियों के साथ मुकाबला करने योग्य बना रहा है।
गंभीरपुर की निवासी और अपने पिता को खो चुकी एक छात्रा ने सहायता के लिए पंजाब सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने स्कूल ऑफ एमिनेंस की पहलों और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा दी जा रही परिवहन सुविधाओं की भी सराहना की।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि पीटीएम की ऐतिहासिक पहल अभिभावकों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है, क्योंकि वे आसानी से स्कूल के माहौल का मूल्यांकन कर सकते हैं और अपने बच्चे के प्रदर्शन की नियमित निगरानी कर सकते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शिक्षक न केवल विद्यार्थियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि, बल्कि उनकी आदतों और पसंदों का भी आकलन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र को सबसे अधिक प्राथमिकता दे रही है, क्योंकि छात्रों की भलाई से बढ़कर कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले अभिभावकों को सरकारी स्कूलों में दी जा रही शिक्षा पर विश्वास नहीं था, लेकिन अब ये स्कूल आधुनिक शिक्षा के मंदिरों में बदल गए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी कारण बड़ी संख्या में छात्र कॉन्वेंट स्कूलों से प्रवेश परीक्षा देने के बाद स्कूल ऑफ एमिनेंस में शामिल हो रहे हैं।
इससे पहले कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस, सांसद मालविंदर सिंह कंग, शिक्षा सचिव के.के. यादव और अन्य अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया।
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