प्रदूषण जांच में घोटाला: जेबी मोटर्स का लाइसेंस दो महीने के लिए निलंबित

प्रदूषण जांच के नाम पर उपभोक्ताओं से निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूलने के मामले में जेबी मोटर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। उप परिवहन आयुक्त राधेश्याम ने केंद्र का लाइसेंस दो महीने के लिए निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई लोकतंत्र टुडे में प्रकाशित खबर के आधार पर जांच के बाद की गई है।
घटना पांच मार्च की है, जब महानगर कॉलोनी, पीलीभीत बाईपास निवासी यशेंद्र सिंह अपनी स्कूटी का प्रदूषण जांच कराने बड़े डाकखाना के पास स्थित जेबी मोटर्स पहुंचे थे। वहां उनसे निर्धारित ₹65 की जगह ₹120 वसूले गए। यशेंद्र ने यह राशि ऑनलाइन भुगतान की थी। उन्हें जो रसीद दी गई, उसमें ₹65 अंकित थे, लेकिन इस पर मुहर और हस्ताक्षर कर वास्तविक शुल्क छिपाने का प्रयास किया गया।
इस गड़बड़ी की शिकायत यशेंद्र सिंह ने डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर संजय सिंह से की, जिन्होंने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए। जांच में अनियमितता की पुष्टि होने पर डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने जेबी मोटर्स का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी।

इसके आधार पर उप परिवहन आयुक्त राधेश्याम ने 19 मई को आदेश जारी कर प्रदूषण जांच केंद्र का लाइसेंस दो माह के लिए निलंबित कर दिया। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए शिकायतकर्ता यशेंद्र सिंह ने मीडिया से कहा कि यह आम जनता के शोषण का गंभीर मामला है और इस तरह की वसूली बड़े पैमाने पर की जा रही होगी। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में पुलिस से शिकायत दर्ज कराएंगे और जरूरत पड़ने पर न्यायालय का रुख भी करेंगे।
यह मामला एक बार फिर प्रदूषण जांच केंद्रों की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है और संबंधित विभागों को अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता दर्शाता है।
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