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बैठक के बाद बोले नीतीश: एक साथ चुनाव लड़ने की सहमति बनी, अगली बैठक कुछ ही दिनों बाद होगी

 बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर शुक्रवार को विपक्षी दलों की एकता को लेकर बुलाई गई महाबैठक अब समाप्त हो गई है।

राजधानी पटना में मुख्यमंत्री के आवास को शुक्रवार को हुई यह बैठक करीब चार घंटे चली। इस बैठक के संबंध में जो जानकारी निकलकर सामने आई है उसके अनुसार, नीतीश कुमार को विपक्षीय एकता का संयोजक बनाया जा सकता है।

इस बैठक में राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, महबूबा मुफ्ती, शरद पवार, मल्लिकार्जुन खरगे, उद्धव ठाकरे, सुप्रिया सुले, अखिलेश यादव, अजीत पवार, भगवंत मान, राघव चड्ढा, एमके स्टालिन, हेमंत सोरेन आदि करीब 15 दलों के नेता मौजूद थे।

लालू-पवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले आए

विपक्षी दलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले लालू यादव और शरद पवार पहुंचे। उनके साथ सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं। इसके बाद महबूबा मुफ्ती और बाकी अन्य नेता मंच पर पहुंचे। हालांकि, इस दौरान अरविंद केजरीवाल और एमके स्टालिन मौजूद नहीं थे। वे अपने गृह राज्य रवाना हो गए थे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एकसाथ चुनाव लड़ने पर सहमति बनी है। अगली बैठक शिमला में कुछ ही दिनों में होगी।

बैठक में इन बिंदुओं पर हुई चर्चा

हर सीट पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक प्रत्याशी उतारा जाए।

भाजपा के खिलाफ बनने वाले गठबंधन का एक नाम तय किया जाए।

न्यूनतम साझा कार्यक्रम (कॉमन मिनिमम प्रोग्राम) तय किया जाए।

गठबंधन की सीटों के बंटवारे का एक सर्वमान्य फॉर्मूला तय किया जाए।

दिल्ली के लिए लाए गए केंद्र सरकार के अध्यादेश पर भी बात हुई।

महाबैठक में न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर हुई चर्चा

विपक्षी दलों की बैठक में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी एकजुटता का संयोजक बनाए जाने की घोषणा कुछ देर में संभव है। विपक्षी दलों की बैठक में न्‍यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा हुई।

महाबैठक में नीतीश और राहुल ने की ये अपील

महाबैठक में नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों से कहा कि लोकतंत्र बचाना है तो साथ आना जरूरी है। वहीं, राहुल गांधी ने भी विपक्ष से अपील की। उन्होंने कहा कि साफ दिल से विपक्ष एकजुट हो। यह न हो कि अंदर कुछ, बाहर कुछ कहा जाए।

बैठक में उद्धव ठाकरे-शरद पवार की राहुल से अपील

महाबैठक में उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने राहुल गांधी से अपील की कि अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस केजरीवाल को समर्थन दे।

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