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स्कूलों में मोबाइल से पढ़ाई बंद हो – समाजसेवी जितेन्द्र कुशवाहा की मांग

नई दिल्ली।
आजकल स्कूलों में बच्चों को मोबाइल फोन के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है। किताबों और ब्लैकबोर्ड की जगह मोबाइल स्क्रीन ने ले ली है। इस पर समाजसेवी जितेन्द्र कुशवाहा ने गंभीर चिंता जताई है।

उन्होंने कहा कि मोबाइल पर लगातार पढ़ाई करने से बच्चों की आंखों की रोशनी कमजोर हो रही है, मानसिक दबाव बढ़ रहा है और सोचने-समझने की क्षमता घट रही है।

कुशवाहा ने सरकार से मांग की है कि स्कूलों में मोबाइल का चलन बंद किया जाए। उनका कहना है कि मोबाइल शिक्षा का केवल सहायक साधन हो सकता है, लेकिन इसे मुख्य आधार बनाना बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक है।

उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों की पढ़ाई किताबों, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय और प्रयोगशालाओं के जरिए होनी चाहिए। उनका कहना है कि मोबाइल से पढ़ाई करने पर बच्चे न केवल किताबों से दूर हो रहे हैं, बल्कि उनकी रचनात्मकता और कल्पनाशक्ति भी प्रभावित हो रही है।

समाजसेवी ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को मोबाइल पर अधिक समय न दें और उन्हें खेलकूद, योग और पुस्तकों से जोड़ें।

जितेन्द्र कुशवाहा ने चेतावनी दी कि “अगर सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए तो आने वाली पीढ़ी कमजोर होती जाएगी। शिक्षा का असली लक्ष्य तभी पूरा होगा जब बच्चे किताबों और शिक्षकों से जुड़े रहेंगे।

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