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म्यांमार की जनता के साथ अब हिंसा न करे सैन्य शासन, आसियान की बैठक में उठाई गई मांग

दस देशों के संगठन आसियान की बैठक में पांच बिंदुओं पर आम सहमति बनने के बाद अब हिंसाग्रस्त म्यांमार में शांति होने की उम्मीद जागी है। बैठक में शामिल हुए सैन्य शासन प्रमुख मिन आंग लाइंग इस बात के लिए राजी हैं कि जनता के साथ हिंसा नहीं होनी चाहिए, लेकिन उन्होंने स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया। बैठक में मिन आंग ने अन्य बिंदुओं पर सहमति जताई है, लेकिन सीधे तौर पर किसी भी मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। बैठक में सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने के लिए भी कहा गया है। इस बैठक की अध्यक्षता ब्रुनेई के प्रतिनिधि ने की। आसियान के द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि पांच बिंदुओं पर सहमति बनी है। जनता के साथ हिंसा पर रोक लगेगी। सभी पक्षों के साथ सकारात्मक वार्ता होगी। आसियान का विशेष दूत नियुक्त होगा। 

सभी पक्षों से वार्ता के लिए विशेष दूत म्यांमार भी जाएंगे। मानवीय सहायता भी दी जाएगी। मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन ने कहा है कि म्यांमार ने हमारे ¨हसा रोकने के प्रस्ताव को मान लिया है। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग ने कहा कि मिन आंग ने बैठक में सकारात्मक सहयोग किया है। म्यामार सैन्य प्रमुख मिन आंग ने सभी बिंदुओं पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है। आसियान की इस बैठक में इंडोनेशिया, वियतनाम, सिंगापुर, मलेशिया, कंबोडिया और ब्रुनेई के नेता थे। इसके अलावा लाओस, थाइलैंड और फिलीपींस के विदेश मंत्री शामिल हुए। म्यांमार के लोकतंत्र समर्थक नेताओं की हाल ही में गठित राष्ट्रीय एकता सरकार ने आसियान में पांच बिंदुओं पर सर्वसम्मति का स्वागत किया है।

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