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9 दिन तक कन्या पूजन का महत्व जानें 2-9 साल की कन्या पूजा के लाभ

  • 2 साल – दो वर्ष की कन्या को कौमारी कहा जाता है, इसके पूजन से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. इनका पूजन करके इन्हें खिलौने उपहार स्वरूप देकर आशीर्वाद लें.
  • 3 साल – तीन वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति माना गया है और इनके पूजन से भोग व मोक्ष मिलता है. इनका पूजन करने के बाद इन्हें फल उपहार स्वरूप दें.  
  • 4 साल – चार वर्ष की कन्या कल्याणी कही गई है और इनकी पूजा से धर्म, अर्थ और काम की प्राप्ति होती है. इनका पूजन करने के बाद इन्हें घर में बनी खीर या हल्वा का भोजन करवाकर आशीर्वाद प्राप्त करें.
  • 5 साल – पांच वर्ष की कन्या रोहिणी स्वरूप मानी गई है और इनकी पूजा से विद्या प्राप्ति होती है, पूजन करने के बाद इन्हें शिक्षा से संबंधित पुस्तकें, पेन-पेन्सिल पानी की बोटल आदि उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त करें.
  • 6 साल – छह वर्ष की कन्या काली का स्वरूप मानी गई है, इनकी पूजा से सुख-समृद्धि व शांति मिलती है और अज्ञात भय दूर हो जाता है, इन्हें वस्त्र उपहार स्वरूप देकर आशीर्वाद पाएं.
  • 7 साल – सात वर्ष की कन्या चण्डिका स्वरूप हैं जिनकी पूजा से राज्य पद और कर्म में सिद्धि प्राप्त होती है, इनका पूजन कर श्रृंगार सामग्री देना अत्यंत शुभ होता है.
  • 8 साल – आठ वर्ष की कन्या शंभवी स्वरूप है जिनकी पूजा से धन-संपदा प्राप्त होती है, होमाष्टमी का हवन करके कन्याओं का पूजन करें फिर उन्हें भोजन कराकर सार्म्थानुसार दक्षिणा और उपहार दें.
  • 9 साल – नौ वर्ष की कन्या को दुर्गा स्वरूप माना गया है जिनकी पूजा से पृथ्वी पर प्रभुत्व प्राप्त होता है. कन्याओं को दुर्गा चालीसा की पुस्तकें, लाल चुनरी दें, पान व ईलायची खिलाएं तथा भले ही सगुन रूप में कन्याओं को आंगन में कुछ देर गरबा नृत्य कराएं. इस प्रकार के कन्या पूजन से माता प्रसन्न होकर आशीष की वर्षा करती हैं

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