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International Yoga Festival: यह योग अपनाकर भागदौड़ के बीच मन को बनाएं चुस्त, शरीर को रखें दुरुस्त; होंगे 8 लाभ

ऋषिकेश: International Yoga Festival: हास्य के बिना जीवन नीरस एवं व्यर्थ लगने लगता है। हंसने से कई तरह के शारीरिक और मानसिक रोग दूर होते हैं। सेहत के लिए जीवन में हास्य और मनोरंजन का होना नितांत जरूरी है।

पृथ्वी के सभी प्राणियों में एकमात्र मनुष्य ही है, जो हंसने की क्षमता रखता है। हास्य से मन को शांति मिलती है और शरीर निरोगी रहता है। कहने का मतलब हास्य से जीवन में कभी नीरसता नहीं आती और जवानी जिंदाबाद रहती है।

जीवन का हिस्सा बन गए नीरसता, थकान और तनाव

वर्तमान की भागदौड़ भरी दिनचर्या में नीरसता, थकान और तनाव जीवन का हिस्सा बन गए हैं। क्रोध, भय और तनाव के नकारात्मक प्रभाव को जीवन से समाप्त करने में हास्य योग का विशेष प्रभाव है।

हंसने-हंसाने से मानसिक तनाव दूर होता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होती है। इसलिए किसी पर हंसने की जगह, सभी के साथ हंसना सीखें तो जीवन स्वस्थ एवं खुशनुमा हो जाएगा। वर्तमान दौर में हास्य योग, हास्य थेरेपी और हास्य कार्यक्रमों को अधिक पसंद किया जा रहा है।

दिनभर में 300 से ज्यादा बार हंसता है बच्‍चा

  • ऋषिकेश में चल रहे अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में हास्य योग की जानकारी दे रहे ओशो मेडिटेशन के योगाचार्य स्वामी बोधी वर्तमान (डा. मनोज रांगड़) ने बताया कि एक छोटा बच्चा दिनभर में 300 से ज्यादा बार हंसता है, लेकिन बड़ों ने तो मुस्कुराना ही छोड़ दिया है।
  • उन्होंने बताया कि हास्य से रक्त में आक्सीजन का संचार होता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
  • खुलकर और जोर-जोर से ठहाके लगाने से शरीर में रक्त के संचार की गति बढ़ती है।
  • इससे पाचन तंत्र अधिक सक्रियता के साथ कार्य करता है और फेफड़े भी मजबूत होते हैं।
  • कहा कि खुलकर हंसने से हमारे शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है। इसे हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है। यह हार्मोन शरीर में प्राकृतिक दर्दरोधक का काम करता है। यानी खुलकर हंसने से हमारे शरीर के कई हिस्सों में होने वाला स्वत: दूर हो जाता है।
  • हंसने से चेहरे की मांसपेशियों की कसरत होती है, जिससे चेहरे पर हमेशा ताजगी बनी रहती है।
  • आप लाफ्टर योगा का अभ्यास करके कैलोरी बर्न कर सकते हैं।
  • वास्तव में सौ बार हंसने के दौरान आप उतनी कैलोरी बर्न कर पाते हैं, जितनी कि दस मिनट की वाक में करते हैं।

हास्य योग के प्रमुख लाभ

  • शरीर के दर्द से छुटकारा मिलता है
  • हास्य योग से कैलोरी बर्न कर सकते हैं
  • हास्य योग से आंतरिक अंगों की मसाज होती है
  • हास्य योग से ब्लड प्रेशर को भी कम किया जा सकता है
  • कई हार्ट डिजीज का रिस्क भी हास्य योग से कम हो जाता है
  • हास्य योग से हमेशा जवान रहा जा सकता है।
  • हंसना एक महाऔषधि है, जो हमें ऊर्जावान एवं सृजनशील बनाती है
  • हंसने से तुरंत मनोदशा परिवर्तित हो सकती है

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में हुए अनेक रंगारंग कार्यक्रम

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सवमें योग साधकों ने जहां योग, ध्यान, मेडिटेशन की जानकारी ली, वहीं आध्यात्मिकता से भी रूबरू हुए। इसके अलावा नृत्य एवं सीता स्वयंवर की संगीतमय प्रस्तुति खास आकर्षण का केंद्र रही। प्रातः हुए योग सत्रों के साथ साथ दिन भर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

दिन की शुरुआत सुबह दो घंटे तक छह विख्यात योग स्कूलों ईशा फाउंडेशन, आर्ट आफ लिविंग, राममणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम और शिवानंद योगा स्कूल के प्रशिक्षकों की मौजूदगी में साधकों के लिए विशेष योगसत्रों से हुई। आर्ट आफ लिविंग ने ध्यान सत्र का आयोजन किया। महोत्सव में आयुर्वेद महाविद्यालय की ओर से नाड़ी परीक्षण सत्र का भी आयोजन किया गया।

डा. उर्मिला पांडेय की ओर से कास्मिक हिलिंग सत्र का आयोजन किया गया। अपने सत्र में डा. पांडेय ने शारीरिक एवं मानसिक रोग संबंधी नकारात्मक ऊर्जा को योग एवं कास्मिक हीलिंग के जरिये ख़त्म कर सकारात्मक ऊर्जा में बदलने पर जोर दिया। सत्र में साधकों ने ध्यान योग के जरिये अपने तन मन और आत्मा को पवित्र किया। इसके अलावा आर्ट आफ लिविंग की ओर से जोड़ों के दर्द के लिए विशेष योग सत्र का आयोजित किया गया।

योग महोत्सव के सायंकालीन कार्यक्रमों में भव्य गंगा आरती के बाद संगीतमय गाथा के जरिये कलाकारों ने सीता स्वयंवर की भक्तिमय प्रस्तुति दी। वहीं एक अन्य कार्यक्रम में युवा कालाकारों ने पंजाबी गतका की रोमांचकारी प्रस्तुति दी। जिसमें नृत्य एवं भारतीय मार्शल आर्ट का समावेश था।

योग में है रोजगार की अपार संभावना

दोपहर में आयोजित सत्र के दौरान विशेषज्ञ डा. बेरोनिक निकोलई ने शरीर और मन को शांति प्रदान करने के साथ ही निरोगी रहने के लिए प्रणायाम एवं आसान की विस्तृत जानकारी दी। मध्याह्न सत्र के बाद आयोजित परिचर्चा में योग विशेषज्ञों की उपस्थिति में उत्तराखंड- विश्व की योग राजधानी विषय पर एक पैनल परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया।

जिसमें उत्तराखंड राज्य की योग ब्रांड एंबेसडर दिलराज प्रीत कौर, शिवानंद आश्रम की मारिया पाली, योग एवं कास्मिक हीलिंग विशेषज्ञ डा. उर्मिला पांडेय तथा अष्टावक्र योग में विश्व कीर्तिमान धारक डा. प्रिया अहूजा ने शिरकत की। इस एक घंटे की परिचर्चा सत्र में विशेषज्ञों ने उत्तराखंड की अनोखी योग विरासत के साथ देश- विदेश से मन की शांति की खोज में आए लोग को राज्य के द्वारा शरण दिया जाना, बीटल आश्रम, योग से रोजगार सृजन आदि के विषय पर प्रकाश डाला।

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