सिख समुदाय ने इनेलो पार्टी का जताया आभार कहा – अंबाला लोकसभा क्षेत्र से सभी पार्टियों ने सिख समुदाय की अनदेखी की है, यह पहली बार है कि इनेलो पार्टी ने सिख समुदाय का महत्व समझते हुए उन्हें टिकट दिया है, अंबाला से जीता कर भेजेंगे
22 अप्रैल को बाकी बचे 7 उम्मीदवारों की विधिवत घोषणा कर दी जाएगी और उस समय सभी दस के दस उम्मीदवार मौजूद रहेंगे
सभी को पता है कि नवीन जिंदल और सुशील गुप्ता बहुत बड़े पूंजीपति हैं और यह नौटंकी सिर्फ गरीब और भोलेभाले किसान और मजदूर के वोट लेने के लिए की जा रही है: अभय सिंह चौटाला
किसान आंदोलन के समय दोनों कहां थे? गुप्ता 6 साल राज्यसभा के सदस्य रहे वहां उन्होंने एक बार भी किसानों का मुद्दा नहीं उठाया, कभी खेत में जाकर नहीं देखा, गुप्ता को जौं और गेहूं के खेत में खड़ा करके पूछोगे तो वो जौ और गेहूं में अंतर नहीं बता पाएंगे
वहीं बीजेपी ने जो दस उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं उनमें से 6 तो उधार के हैं, 400 सीट जीतने का दावा करने वाली बीजेपी 200 सीट भी नहीं जीत पाएगी।
चंडीगढ़, 18 अप्रैल। इनेलो ने वीरवार को अंबाला लोकसभा से अपने उम्मीदवार की घोषणा करते हुए सरदार गुरप्रीत सिंह को पार्टी का उम्मीदवार बनाया। 28 वर्षीय युवा सरदार गुरप्रीत सिंह हैं पेशे से वकील हैं और मजहबी सिख बाल्मिकी समुदाय से संबंध रखते हैं। गौरतलब है कि अंबाला लोकसभा सिख बहुल क्षेत्र है और यह पहली बार है कि किसी भी पार्टी द्वारा सिख समुदाय से किसी व्यक्ति को टिकट दी गई है। सिख समुदाय ने इनेलो पार्टी का आभार जताते हुए कहा कि अंबाला लोकसभा क्षेत्र से सभी पार्टियों ने उनकी अनदेखी की है और यह पहली बार है कि इनेलो पार्टी ने सिख समुदाय का महत्व समझते हुए उन्हें टिकट दिया है। साथ ही सिख समुदाय ने इनेलो नेता को यह भरोसा भी दिलाया कि अबकी बार अंबाला से एक मात्रा किसान हितैषी पार्टी के प्रत्याशी को जीता कर भेजेंगे।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इनेलो पार्टी की तरफ से कुरूक्षेत्र लोकसभा से वे स्वयं उम्मीदवार हैं, हिसार से सुनैना चौटाला और अंबाला से सरदार गुरप्रीत सिंह समेत तीन उम्मीदवार मैदान मे आ चुके हैं। 22 अप्रैल को बाकी बचे 7 उम्मीदवारों की विधिवत घोषणा कर दी जाएगी और उस समय सभी दस के दस उम्मीदवार मौजूद रहेंगे।
अभय सिंह चौटाला ने कुरूक्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार नवीन जिंदल और आम पार्टी के सुशील गुप्ता पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि फसल की कटाई और मंडी में अनाज की बोरी ढोने का दिखावा करने से कोई किसान और मजदूर का हितैषी नहीं बनता। नवीन जिंदल और सुशील गुप्ता ऐसी नौटंकी करके किसान और मजदूर का अपमान कर रहे हैं। सभी को पता है कि नवीन जिंदल और सुशील गुप्ता बहुत बड़े पूंजीपति हैं और यह नौटंकी सिर्फ गरीब और भोले भाले किसान और मजदूर के वोट लेने के लिए की जा रही है। किसान आंदोलन के समय दोनों कहां थे? गुप्ता 6 साल राज्यसभा के सदस्य रहे वहां उन्होंने एक बार भी किसानों का मुद्दा नहीं उठाया। गुप्ता ने कभी खेत में जाकर नहीं देखा। सुशील गुप्ता को जौ और गेहूं के खेत में खड़ा करके पूछोगे तो वो जौ और गेहूं में अंतर नहीं बता पाएंगे। वहीं बीजेपी ने जो दस उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं उनमें से 6 तो उधार के हैं। 400 सीट जीतने का दावा करने वाली बीजेपी 200 सीट भी नहीं जीत पाएगी।
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