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“भारत की वाटर स्ट्राइक से पाकिस्तान में मचा हड़कंप, सिंध-पंजाब में गृहयुद्ध जैसे हालात – सिंधु जल बंटवारे पर भड़की आग”

भारत द्वारा सिंधु नदी का पानी रोकने के फैसले ने पाकिस्तान के आंतरिक हालात को हिला कर रख दिया है। भारत ने 22 अप्रैल 2025 को घोषणा की कि वह सिंधु नदी के उस जल प्रवाह को रोक रहा है जो पाकिस्तान के हिस्से में जाता था। यह कदम पाकिस्तान में तत्काल प्रभाव से जल संकट और क्षेत्रीय तनाव को जन्म दे गया।

पाकिस्तान के दो प्रमुख प्रांत — पंजाब और सिंध — अब आमने-सामने हैं। पंजाब ने सिंधु नदी का पानी रोकना शुरू कर दिया है, जिससे सिंध को उसके हिस्से का लगभग 40% पानी मिलना बंद हो गया है। नतीजतन, सिंध प्रांत में सूखा पड़ गया है, खेत बंजर हो गए हैं और कराची जैसे शहरों में पीने के पानी के लिए हाहाकार मच गया है।

पंजाब ने “ऑपरेशन ग्रीन” नाम से एक नया कैनाल प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिससे बचा-खुचा पानी भी सिंध को नहीं मिल रहा है। ये नहर एक कथित ‘शहीद’ पाकिस्तानी सैनिक के नाम पर बनाई गई है। इस फैसले से सिंध में भारी असंतोष है, और वहाँ के लोग खुलेआम प्रदर्शन कर रहे हैं।

सिंध में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने पंजाब से आने वाले ट्रकों को रोक दिया है और पंजाबियों के व्यापारिक प्रवेश पर रोक लगा दी है। लोग वीडियो बनाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दिखा रहे हैं कि कैसे सिंधु नदी अब सूखी रेत में तब्दील हो गई है।

बिलावल भुट्टो समेत सिंधी नेता और आम जनता शाहबाज शरीफ की सरकार से नाराज़ हैं। उनका आरोप है कि पंजाब के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ सिर्फ अपने प्रांत का ध्यान रख रहे हैं और सिंधियों को जानबूझकर प्यासा मारा जा रहा है। सिंधी नेताओं ने सरकार गिराने तक की धमकी दे दी है।


भारत के कदम का असर:

भारत की यह जल नीति “वाटर स्ट्राइक” के रूप में देखी जा रही है। इससे न केवल पाकिस्तान के हालात बिगड़े हैं, बल्कि उसके सत्ता ढांचे पर भी संकट मंडरा रहा है।

पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिफ मुनीर की कुर्सी खतरे में बताई जा रही है। उनके खिलाफ विरोध तेज हो गया है। सोशल मीडिया पर उनका एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें उनकी कथित निजी बातें सामने आई हैं। उन्हें भ्रष्ट, चरित्रहीन और सत्ता के लिए भारत से जंग की चाल चलने वाला बताया जा रहा है।

इस बीच पाकिस्तान आर्मी के एक फौजी ने बड़ा दावा किया है कि पहलगाम आतंकी हमले का आदेश खुद जनरल मुनीर ने दिया था। उनके अनुसार यह हमला पाकिस्तानी फौज का प्रोजेक्ट था, जिससे लोगों का ध्यान घरेलू संकट से हटाकर भारत विरोध की ओर मोड़ा जा सके।


निष्कर्ष:

भारत के सिंधु जल को रोकने से पाकिस्तान में जल संकट, अंतर-प्रांतीय संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता जैसे हालात पैदा हो गए हैं। सिंध-पंजाब का यह संघर्ष गृह युद्ध जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहा है। भारत का यह कदम रणनीतिक रूप से प्रभावशाली साबित हो रहा है, जबकि पाकिस्तान के भीतर सत्ता और फौज दोनों की नींव हिल रही है।

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