Biz & Expo

भारतीय बैंकिंग सिस्टम ‘इस तरह के मामलों’ से प्रभावित नहीं होगा : अडाणी केस पर बोले RBI प्रमुख

अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मद्देनजर अडाणी समूह की कंपनियों को बैंकों की तरफ से दिये गए कर्ज को लेकर विभिन्न तबकों में चिंता जतायी जा रही है. रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है.

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को अडाणी समूह मामले को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि देश के बैंक इतने बड़े और मजबूत हैं कि उन पर ऐसे मामलों का असर नहीं पड़ेगा. अडाणी समूह से जुड़े एक सवाल के जवाब में दास ने कहा कि आरबीआई ने स्वयं से अपना आंकलन किया और शुक्रवार को बयान जारी किया. बयान में कहा गया है कि देश के बैंक मजबूत हैं.

आरबीआई गवर्नर ने अडाणी समूह का जिक्र किये बिना कहा, “आज के समय में भारतीय बैंकों का आकार, उनकी क्षमता काफी मजबूत है. उनकी क्षमता ऐसी है कि वे इस प्रकार के मामलों से प्रभावित होने वाले नहीं हैं.”

उनसे यह पूछा गया था कि क्या मौजूदा स्थिति में आरबीआई घरेलू बैंकों को अडाणी समूह की कंपनियों को दिये गए कर्ज को लेकर कोई दिशा-निर्देश जारी करेगा. मौद्रिक नीति समिति की घोषणा के बाद दास ने कहा कि बैंक कर्ज देते समय, संबंधित कंपनी की बुनियाद और संबंधित परियोजनाओं के लिए नकद प्रवाह की स्थिति पर गौर करते हैं. दास ने यह भी साफ किया कि कर्ज के मामले में कंपनियों के बाजार पूंजीकरण से कोई लेना-देना नहीं होता है. गुजरते समय के साथ बैंकों की मूल्यांकन प्रणाली काफी सुधरी है.

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने कहा कि घरेलू बैंकों का अडाणी समूह को दिया गया कर्ज कोई बहुत ज्यादा नहीं है. शेयरों के बदले जो कर्ज दिया गया है, वह बहुत कम है.

आरबीआई ने पिछले तीन-चार साल में बैंकों को मजबूत बनाने के लिये कई कदम उठाये हैं. संचालन, ऑडिट समितियों और जोखिम प्रबंधन समितियों को लेकर समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं. बैंकों के लिए मुख्य जोखिम अधिकारियों और मुख्य अनुपालन अधिकारियों की नियुक्ति को अनिवार्य किया गया है।

Related Articles

Back to top button