UP में श्मशान घाटों पर हो 50 फीसदी उपले या गोइठा का इस्तेमाल, बोले CM योगी; निराश्रित गोवंश को लेकर कही ये बात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आयोजित एक हाई लेवल बैठक में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के प्रबंधन और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन व संग्रह की स्थिति की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अंत्येष्टि स्थल या श्मशान घाट पर उपयोग की जाने वाली कुल लकड़ी में 50 फीसदी गोवंश उपला जिसे गोइठा के नाम से भी जाना जाता है, का इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि यह उपला या गोइठा निराश्रित गोवंश स्थल से उपलब्ध कराया जाएगा। बकौल सीएम, गोइठा से होने वाली आय उस गोवंश स्थल के प्रबंधन में उपयोग हो सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध समितियों ने दुग्ध उत्पादन, संग्रह, विक्रय आदि में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। इससे हमारे पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी हुई है। बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी संस्थाओं ने शानदार काम किया है। उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में दुग्ध समितियों के गठन को और विस्तार दिया जाए। इसमें महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
ट्विटर के जरिए सीएम ने बताया कि उत्तर सरकार ने जनपद कानपुर, मुरादाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़ और प्रयागराज में निजी क्षेत्र के सहयोग से नए डेयरी प्लांट स्थापित करने का फैसला लिया है। इस सम्बंध में मंत्रिपरिषद के निर्णयानुसार आवश्यक कार्य किया जाए। सभी 17 नगर निगमों और नगर पालिका वाले जिला मुख्यालयों पर कैटल कैचर वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
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