Mahashivratri 2024 ऐतिहासिक पांडव कालीन गगन जी का टिल्ला शिवालय में सवेरे चार बजे से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई हैं। भक्तजन 766 सीढियां चढ़ शिव मंदिर में पहुंच रहे हैं। होशियारपुर में मौजूद इस मंदिर को लेकर कई प्रकार की कथाएं प्रचलित हैं। पांडवों को जब 13 वर्ष का वनवास हुआ था तो वह विराट नगरी जो आज दसूहा के नाम से प्रचल्लित है में ठहरे थे
होशियारपुर। आज महाशिवरात्रि है। ऐसे में पूरे देश में शिवभक्त सुबह चार बजे से ही शिव के पूजन करने में व्यस्त हैं। मंदिरों में जमकर श्रद्धालुओं का तांता देखा जा सकता है। इसी क्रम में होशियारपुर में ऐतिहासिक पांडव कालीन गगन जी का टिल्ला शिवालय में सवेरे चार बजे से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है। भक्तजन 766 सीढियां चढ़ शिव मंदिर में पहुंच रहे हैं और शिव भगवान को नतमस्तक कर रहे हैं। ऐसा अनुमान है कि आज यह करीब दो लाख लोग शिव भगवान को नतमस्तक करेंगे।
ये है मंदिर का इतिहास
होशियारपुर में मौजूद इस मंदिर को लेकर कई प्रकार की कथाएं प्रचलित हैं। सबसे प्रचल्लित कथा के अनुसार पांडवों को जब 13 वर्ष का वनवास हुआ था तो वह विराट नगरी जो आज दसूहा के नाम से प्रचल्लित है में ठहरे थे। वह अज्ञातवास के दौरान मंदिर में द्रौपदी सहित पूजा अर्चना करने के लिए आते थे। पांडवों ने ही यहां पर शिवालय की स्थापना की थी।
शिवरात्रि के मौके पर पहुंचे हैं लाखों भक्त
शिवरात्रि को भी यहां लाखों की तादाद में भक्त पहुंचते हैं। शिवरात्रि को चार पहर की पूजा और दूसरे दिन विशाल भंडारा यहां का मुख्य कार्यक्रम है। इस बारे में महंत शिवगिरी ने बताया कि यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। मंदिर के साथ जुड़े मुकेश रंजन ने बताया, मंदिर में सभी प्रकार की व्यवस्था महंत शिवगिरी व प्रबंधक समिति करती है।
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