Religious
मां दुर्गा का स्वरूप

जानिए देवी के प्रत्येक रूप का महत्व
लखनऊ। नवरात्रि शक्ति की आराधना का पर्व है। मां दुर्गा का स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य माना गया है। देवी सिंह या शेर पर सवार रहती हैं और उनके दस हाथों में विविध अस्त्र-शस्त्र जैसे त्रिशूल, तलवार, चक्र, गदा और कमल विद्यमान रहते हैं। यह स्वरूप भक्तों को निडर बनाता है और धर्म की विजय का संदेश देता है।
नौ रूपों का महत्व
- शैलपुत्री – पर्वतराज हिमालय की पुत्री, शक्ति साधना की प्रथम देवी।
- ब्रह्मचारिणी – तप व संयम की मूर्ति, भक्ति और ऊर्जा प्रदान करती हैं।
- चंद्रघंटा – मस्तक पर अर्धचंद्र, शांति और वीरता की प्रतीक।
- कूष्मांडा – सृष्टि की रचयिता, स्वास्थ्य और बल की दात्री।
- स्कंदमाता – कार्तिकेय की माता, करुणा और ममता का स्वरूप।
- कात्यायनी – दानव संहारिणी, विजय और साहस प्रदान करती हैं।
- कालरात्रि – अंधकार और भय का नाश करने वाली।
- महागौरी – शुद्धता, शांति और सौंदर्य का प्रतीक रूप।
- सिद्धिदात्री – सभी सिद्धियों और वरदानों की अधिष्ठात्री।

आस्था का संदेश
नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के प्रत्येक रूप की पूजा से जीवन में साहस, समृद्धि, शांति और शक्ति का संचार होता है। देवी का स्वरूप यही सिखाता है कि सच्ची शक्ति का उपयोग हमेशा धर्म और न्याय की रक्षा के लिए होना चाहिए।
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