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पंजाब में बाढ़ से तबाही — राज्य आपदा-प्रभावित घोषित

आधारभूत जानकारी (Times of India):
- पंजाब को “आपदा-प्रभावित राज्य” घोषित किया गया है क्योंकि यह हालात दशकों में सबसे ज़्यादा गंभीर माने जा रहे हैं। अब तक 1,200 से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं, और लाखों लोग प्रभावित हैं।
व्यापक प्रभाव एवं प्रभावित जिलों (Times of India / Indian Express):
- अब तक राज्य के सभी 23 ज़िले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। प्रभावित गांवों की संख्या बढ़कर 1,400 हो गई है, और लगभग 3.55 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
- मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह बाढ़ 1988 के बाद की सबसे गंभीर प्राकृतिक आपदा है।
मानव और कृषि नुकसान:
- 30 से 29 लोगों की मौतें हुई हैं और कई लोग लापता हैं।
- लगभग 3.71 लाख एकड़ कृषि भूमि नष्ट हो गई है। सबसे अधिक नुकसान गृदासपुर, अमृतसर, फतेहपुर, तरन-तारन आदि जिलों में हुआ है।
- 3.55 लाख लोग प्रभावित—गृदासपुर में 1.45 लाख, अमृतसर में 1.17 लाख और अन्य जिलों में भी बड़े पैमाने पर प्रभाव देखा गया।

बचाव एवं राहत उपाय:
- अब तक 19,597 लोगों को बचाया गया है।
- राज्य में 174 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां 5,000 से अधिक लोग रह रहे हैं।
- रोजगार मद्देनजर 23 NDRF टीमें, 12 भारतीय सेना तथा वायुसेना के कॉलम, 30+ हेलिकॉप्टर, और BSF राहत कार्यों में लगे हुए हैं।
- 114 नौकाओं और एक राज्य हेलीकॉप्टर का उपयोग बचाव कार्यों और राहत सामग्री पहुंचाने में किया जा रहा है।
राज्य सरकार की माँग और प्रतिक्रिया:
- मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से ₹60,000 करोड़ की लंबित निधि जारी करने की मांग की है, और फ़सल अनुदान बढ़ाने की गुज़ारिश की है।
- राज्य सरकार ने अधिक उचित सहायता नीतियाँ बनाने की माँग की, और कहा कि मौजूदा SDRF मुआवज़ा (प्रति एकड़ ₹6,800) पर्याप्त नहीं है।
- सारांश – ‘अखबार अंदाज़’ में लिखे गए तरीके से:
“पंजाब में बाढ़ ने आक्रामक रूप ले लिया है—राज्य ने इसे आपदा-प्रभावित घोषित किया है। 23 जिलों में 1,400 गांवों तक बाढ़ पहुंच चुकी है, जिसने 3.55 लाख से ज़्यादा लोगों को प्रभावित किया है। राहत और बचाव एक्शन व्यापक है—NDRF, सेना, वायुसेना, BSF ने बचाव कार्यों में भाग लिया। लेकिन 30 लोगों की जान गुम हो चुकी है, और लाखों एकड़ खेत पानी में डूब चुके हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्र से ₹60,000 करोड़ की तत्काल सहायता देने और मुआवज़ा बढ़ाने की अपील की है।”
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