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युवाओं के सामाजिक मूल्यों का मूल्यांकन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता : जितेन्द्र कुशवाहा

समाजसेवी एवं संसार जनकल्याण एक किरण फाउंडेशन के संस्थापक जितेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वर्तमान समय में युवाओं के सामाजिक मूल्यों का मूल्यांकन करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि युवा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होते हैं और यदि उनके भीतर नैतिकता, जिम्मेदारी, संवेदनशीलता और समाज के प्रति कर्तव्यबोध मजबूत होगा, तभी एक सशक्त और समरस समाज का निर्माण संभव है।

एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान युवाओं के बीच अपने विचार रखते हुए जितेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि आज का युवा वर्ग तकनीक, सोशल मीडिया और आधुनिक संसाधनों से तो जुड़ा हुआ है, लेकिन कई बार सामाजिक मूल्यों से दूरी बनाता नजर आता है। ऐसे में परिवार, शिक्षा संस्थानों और सामाजिक संगठनों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे युवाओं को संस्कार, सेवा, अनुशासन और सामाजिक सहभागिता से जोड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित न रहकर चरित्र निर्माण का मजबूत आधार बने।

कार्यक्रम के दौरान समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों द्वारा जितेन्द्र कुशवाहा को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। सम्मान करने वालों में डॉक्टर आलोक कुमार, जनपथ न्यूज़ के डायरेक्टर डॉ. रंजीत कुमार, शिक्षक अमित कुमार, व्यवसायी हरीश शर्मा, शिक्षाविद संतोष शर्मा, सोशल गुरु संजय भाई, अधिवक्ता रोहित शुभम एवं प्रोफेसर विनय कुशवाहा प्रमुख रूप से शामिल रहे। सभी अतिथियों ने उनके द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों और युवाओं के बीच जागरूकता अभियान की सराहना की।

जितेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि दहेज प्रथा, नशा, सामाजिक भेदभाव और पर्यावरण संकट जैसी चुनौतियों से निपटने में युवाओं की भूमिका निर्णायक है। यदि युवाओं को सही दिशा और सकारात्मक मंच मिले, तो वे समाज और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को भी समझें और सामाजिक मूल्यों को आत्मसात कर एक बेहतर भारत के निर्माण में सहभागी बनें।

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