हरियाणा के शिक्षण संस्थानों में भी सुरक्षित नहीं बेटियां: डॉ. सुशील गुप्ता
हरियाणा के शिक्षण संस्थानों में भी सुरक्षित नहीं बेटियां: डॉ. सुशील गुप्ता
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने शिक्षण संस्थानों में बेटियों की सुरक्षा को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के राज में हरियाणा के शिक्षण संस्थानों में भी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। हरियाणा में के शिक्षण संस्थानों से लगातार बेटियों के साथ उत्पीड़न के मामले आ रहे हैं। पहले जींद, फिर कैथल, इसके बाद सिरसा और अब रोहतक में छात्राओं ने ही साहस कर अपने साथ हो रहे शोषण को लेकर आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि बेटियों की कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में भी मुख्यमंत्री खट्टर और सत्ता पक्ष के नेता कहते हैं कि पिछली सरकारों में भी ऐसा हुआ, जबकि जिम्मेदारी के साथ दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रोहतक जिले के एक गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल की छात्राओं की गुमनाम चिट्ठी ने खट्टर सरकार के बेटी पढ़ाने और बेटी बचाने के दावों की पोल खोल दी है। छात्राओं ने चिट्ठी के माध्यम से अध्यापकों व मैडम पर गंभीर आरोप लगाए हैं।इसमें साफ बताया जा रहा है कि स्कूल का माहौल खराब किया जा रहा है। एक मैडम कैसे स्कूल में छोटे कपड़े पहनकर आती है और एक मैडम तो छात्राओं के सामने ही दूसरे स्कूल के अध्यापक से स्पीकर खोलकर अश्लील बातें करती है। एतराज करने पर छात्राओं को ही धमका कर चुप करा दिया जाता है और जब छात्राओं ने शिकायत की तो कोई कारवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि ऐसा ही एक और मामला जींद में सामने आया था, जिसमें हार कर छात्राओं ने गुमनाम चिट्ठी के माध्यम से अपने खिलाफ हो रहे शोषण की आवाज उठाई थी।इसके बाद कैथल में भी ऐसा ही मामला सामने आया। जहां 100 से ज्यादा छात्राओं के साथ यौन शोषण हुआ था। जहां पर प्रिंसिपल के राजनीतिक रसूक होने की वजह से उस पर मामला दर्ज भी नहीं किया जा रहा था। जब बच्चियों ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गवर्नर और महिला आयोग को पत्र लिखा तो महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद एक एफआईआर दर्ज हुई थी। वहीं कुछ दिन पहले चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी सिरसा की 500 छात्रों ने एक गुमनाम पत्र राष्ट्रीय महिला आयोग, हरियाणा के मुख्यमंत्री, गवर्नर और होम मिनिस्टर को लिखा था। पत्र में 500 छात्राओं ने प्रोफेसर पर उनके साथ हो रहे यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें छात्राओं ने बताया था कि किस तरह से प्रोफेसर उन्हें अपने कमरे में बुलाकर उनको ब्लैकमेल करता है, उन्हें फेल करने की धमकी देता है, उन्हें पास करवाने का लालच देता है और उनके साथ गलत हरकतें करता है। उसमें छात्राओं ने बताया कि पूरी यूनिवर्सिटी को इस बात की जानकारी है, लेकिन उस प्रोफेसर का राजनीतिक रसूक होने की वजह से उसके खिलाफ कोई भी बोल नहीं सकता। इससे साबित होता है कि यह सब राजनीतिक संरक्षण में हो रहा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि किस तरह से छात्राओं को डर के साए में जीना पड़ रहा है। हरियाणा में प्रतिदिन बच्चियों और महिलाओं पर अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। अपराधियों को सरकार मैं बैठे लोगों का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा सीसीटीएनएस (अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणाली) के आंकड़े बताते हैं कि पिछले वर्ष 1 जनवरी से 30 नवंबर तक हरियाणा में अब तक मर्डर की 974, दुष्कर्म की 1701, सामूहिक दुष्कर्म की 139, किडनैपिंग 3871, लूटपाट की 271 और क्राइम अगेंस्ट वीमेन की 10,946 घटनाएं हुई। इस डाटा के मुताबिक हरियाणा में प्रतिदिन 5 से 6 दुष्कर्म, 11 से 12 किडनैपिंग और 3 से 4 मर्डर हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में आज हरियाणा महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्यों में की सूची में दूसरे नंबर पर है। इसके अलावा रेप रेट और मर्डर रेट में भी दूसरे नंबर पर है। हरियाणा में यूपी से ढाई गुना ज्यादा क्राइम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार बेटियों को सुरक्षा देने में विफल रही है। अब समय आ गया है कि हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी की सरकार को लाया जाए और हरियाणा की बेटियों के सम्मान की रक्षा की जाए।
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