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लोकसभा और विधानसभा चुनाव में फर्क, भाजपा के साथ गठबंधन करने से जेजेपी को हुआ नुकसान – दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़, 27 जून। जननायक जनता पार्टी सभी 22 जिलों के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेगी और विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएगी। पांच जुलाई से शुरू होने जा रही जेजेपी जिला स्तरीय बैठकों में सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में संगठन मजबूती पर फोकस किया जाएगा। यह बात पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही। लोकसभा चुनाव के संदर्भ में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने और जिताने का था। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव लोकसभा से विपरीत होगा। एक सवाल के जवाब में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन करने से जेजेपी को नुकसान हुआ है इसलिए भविष्य में जेजेपी का भाजपा के साथ जाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन जैसे विषयों के कारण जनता का भाजपा के प्रति रोष था और उसका खामियाजा जेजेपी को भुगतना पड़ा।

पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दोनों राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा जनता को धोखा दे रही है। उन्होंने कहा कि लोकसभा स्पीकर चुनाव में उम्मीदवार की घोषणा के बावजूद कांग्रेस और बीजेपी का एक हो जाना क्षेत्रीय दलों की ताकत को कम करने की कोशिश है। इसी तरह हरियाणा में होने वाले राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस मैदान छोड़कर भाग रही है क्योंकि पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा द्वारा नंबर न होने की बात कहना भाजपा के साथ मैच फिक्सिंग को दिखाता है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अगर कांग्रेस असलियत में भाजपा को टक्कर देना चाहती है तो सांझा सामाजिक राज्यसभा उम्मीदवार उतारे, हम साथ देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि किसी सामाजिक व्यक्ति, खिलाड़ी या कलाकार का राज्यसभा में हरियाणा का नेतृत्व करवाने के लिए विपक्ष को एकजुट होना चाहिए।

पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और कहा कि सरकार की नाकामी के कारण हरियाणा की कानून व्यवस्था बेहद खराब हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में हत्या, लूट जैसी अनेक आपराधिक घटनाएं हुई है, जो कि प्रदेश में पिछले 20 साल में ऐसे एक सप्ताह में नहीं देखी गई। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि शराबबंदी के बाद प्रदेश में ऐसे खराब हालात पहली बार हुए है। उन्होंने कहा कि गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री नायब सैनी कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम रहे हैं इसलिए सीएम को अलग से किसी मंत्री को गृह विभाग का जिम्मा देना चाहिए।

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