संविधान दिवस 2025 : संसद के केंद्रीय कक्ष में भव्य समारोह, राष्ट्रपति मुर्मू और PM मोदी रहे मौजूद

नई दिल्ली, 26 नवंबर।
भारत ने आज संविधान अंगीकार किए जाने की 76वीं वर्षगांठ बड़े सम्मान और गौरव के साथ मनाई। राजधानी दिल्ली स्थित संसद के केंद्रीय कक्ष (Central Hall) में आयोजित मुख्य राष्ट्रीय समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अध्यक्षता की, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के शीर्ष नेता कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
समारोह का विषय इस वर्ष “हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान” रखा गया, जिसके तहत नागरिक अधिकारों, कर्तव्यों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर विशेष जोर दिया गया।

राष्ट्रपति मुर्मू के नेतृत्व में संविधान की प्रस्तावना (Preamble) का सामूहिक वाचन किया गया। पूरे देश में सरकारी दफ्तरों, शिक्षण संस्थानों और नागरिक समूहों ने भी इस वाचन में भाग लिया।
समारोह में संविधान के नौ भाषाओं — मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया — में डिजिटल संस्करण जारी किए गए। इससे संविधान को अधिक से अधिक भाषाओं में उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

“भारत के संविधान में कला और कैलिग्राफी” शीर्षक से एक विशेष स्मारिका भी जारी की गई, जिसमें मूल संविधान की डिज़ाइन, चित्रकला और कलात्मक विरासत का विस्तृत विवरण शामिल है।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान देशवासियों को समानता, न्याय, स्वतंत्रता और गरिमा जैसे मूल अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने संविधान को भारत की विविधता और एकता का आधार बताया।

प्रधानमंत्री ने देश के नाम अपने संदेश में कहा कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान की मूल भावना के अनुरूप कार्य करे। उन्होंने लिखा कि
“अधिकारों के साथ कर्तव्यों का निर्वहन ही राष्ट्र को सशक्त बनाता है।”
- स्कूलों और कॉलेजों में निबंध, भाषण और क्विज प्रतियोगिताएँ
- सरकारी कार्यालयों में प्रस्तावना पाठ और जागरूकता कार्यक्रम
- डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संविधान मूल्यों से जुड़े अभियान
- युवाओं में लोकतांत्रिक जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष वेबिनार और कार्यशालाएँ
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