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सरकारी शिक्षा, पक्की नौकरी व आरक्षण को खत्म करना चाहती है बीजेपी- हुड्डा

चंडीगढ़, 12 जूनः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि लोकसभा की चुनावी हार के बाद अब बीजेपी ने अपनी नीतिगत हार भी स्वीकार कर ली है। क्योंकि जिस बीजेपी ने सत्ता में आते ही कांग्रेस द्वारा शुरू की गई 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट आवंटन की स्कीम को बंद कर दिया था, वहीं बीजेपी अब प्लॉट बांटने की बात कह रही है। जो बीजेपी फैमिली और प्रॉपर्टी आईडी को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानती थी, अब वहीं बीजेपी उनकी खामियों को स्वीकार कर रही है।

हुड्डा आज चंडीगढ़ अपने आवास पर मीडिया को बाइट देते हुए कहा कि 10 साल से हरियाणा में पुलिस, प्रोपेगेंडा और पोर्टल की सरकार चल रही है। पुलिस के जरिए बीजेपी ने किसानों, कर्मचारियों, पंच व सरपंचों पर लाठी गोलियां बरसवाईं। वेतन बढ़ोत्तरी की मांग कर रही आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर, मिड डे मील वर्कर और सफाई कर्मियों पर भी पुलिसिया अत्याचार करवाया। बीजेपी ने परिवार पहचान पत्र और प्रॉपर्टी आईडी जैसे पोर्टल के जंजाल में जनता को उलझा कर रख दिया। इसमें 90 से 95% तक खामियां पाई गईं। इन योजनाओं जरिए सैंकड़ों करोड़ रूपये के घोटाले को अंजाम दिया गया। पोर्टल्स में बड़े पैमाने पर इसमें धांधलियां पकड़े जाने के बावजूद इनको बनाने वाली एजेंसियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपी सरकारी शिक्षा, पक्की नौकरी और एससी-ओबीसी का आरक्षण खत्म करना चाहती है। यही वजह है कि उसने गरीब, किसान व एससी-ओबीसी परिवारों को शिक्षा से वंचित करने के लिए सरकारी संस्थाओं की फीस में कई-कई गुणा बढ़ोत्तरी की है। एमडीयू में सरकार ने सीधे 5 गुणा फीस बढ़ाकर अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। इसी तरह ये सरकार प्रदेश में खाली पड़े 2 लाख पदों पर पक्की भर्तियां नहीं कर रही है और कौशल निगम के जरिए इन पदों को भरा जा रहा है। क्योंकि कौशल निगम में ना किसी तरह की पारदर्शिता है, ना मेरिट और ना ही आरक्षण।

अगर सरकारी शिक्षा और नौकरियां ही नहीं रहेंगी तो आरक्षण अपने आप खत्म हो जाएगा। आरक्षण को खत्म करने के लिए ही सरकार ने पिछड़ा वर्ग की क्रीमी लेयर लिमिट को 8 से घटकर 6 लाख कर दिया। इसे लाखों परिवारों का आरक्षण खत्म हो गया। लेकिन कांग्रेस सरकार इसे बढ़कर 10 लाख करेगी ताकि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ मिल सके।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गरीब परिवारों को गांवों में रिहायशी जमीन का अधिकार देने के लिए देश की एक क्रांतिकारी योजना चलाई थी। इस योजना के जरिए लगभग चार लाख गरीब, एससी और ओबीसी परिवारों को 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट बांटे गए थे। कांग्रेस ने प्रदेश के 7 लाख से ज्यादा परिवारों को यह प्लॉट देने की योजना बनाई थी। लेकिन बीजेपी ने सत्ता में आते ही इस योजना को बंद कर दिया। इसी वजह से कांग्रेस द्वारा अलॉट किए गए कुछ प्लॉट्स का कब्जा लाभार्थी परिवारों को नहीं मिल पाया। 10 साल तक बीजेपी ने लाभार्थियों को प्लॉट से वंचित रखा। इस योजना को बंद करके बीजेपी ने 3 लाख से ज्यादा परिवारों से 100-100 गज के प्लॉट का अधिकार छीन लिया। इसके लिए बीजेपी को तमाम गरीब, एससी और ओबीसी परिवारों से माफी मांगनी चाहिए।

हुड्डा ने एकबार फिर आज बिजली की किल्लत पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि चुनाव खत्म होते ही सरकार ने लंबे-लंबे पावर कट लगाने शुरू कर दिए। अब बताया जा रहा है कि प्रदेश को 2000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ेगी। जबकि कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को बिजली उत्पादन में सरप्लस स्टेट बनाया था। लेकिन भाजपा कार्यकाल के दौरान कोई भी नया पावर प्रोजेक्ट स्थापित नहीं हुआ और हरियाणा में एक यूनिट भी नई बिजली पैदा नहीं की गई। इसका खामियाजा आज आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

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