Politics

क्षेत्रीय नेताओं को साथ लेकर कांग्रेस को घेरने में जुटी भाजपा, कांग्रेस सिर्फ बापू-बेटे के भरोसे।

BJP is trying to corner Congress by taking regional leaders along, Congress is only dependent on father and son.

चंडीगढ़
तीसरी बार सत्ता में आने के लिए कल्याणकारी योजनाओं और मुख्यमंत्री के मिलनसार व्यवहार को भुनाने के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में प्रभावशाली नेताओं को साधने में भी जुट गई है। प्रदेशभर में नजर दौड़ाने पर यह दिखाई देता है कि भाजपा कितने ताकतवर नेताओं को साधने में कामयाब हुई है, जबकि कांग्रेस दिन प्रतिदिन बिखरती और गुटों में बंटती दिखाई दे रही है। अहीरवाल में राव इंद्रजीत हो या भिवानी से किरण चौधरी, हिसार से कुलदीप बिश्नोई हो या कुरुक्षेत्र से जिंदल परिवार या फिर सिरसा से कांडा परिवार, अशोक तंवर हो या सोनीपत से निखिल मदान सब वर्तमान में भाजपा की बढ़ती ताकत की और इशारा करते हैं।
बुधवार को सिरसा से मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। तारा बाबा जी की कुटिया में हलोपा विधायक गोपाल कांडा के साथ मत्था टेकने पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हलोपा के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे और सिरसा की सभी पांच सीटों पर इस बार कमल खिलाएंगे।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी पिछले दो विधानसभा चुनाव में एक बार भी सिरसा जिले में खाता नहीं खोल पाई।
2019 से लगातार गोपाल कांडा भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे हैं और ऐलनाबाद उपचुनाव में उनके भाई गोविंद कांडा को भाजपा ने आधिकारिक टिकट दी थी।
कांडा बंधुओ से भाजपा की नजदीकियां जग जाहिर हैं और ऐसे में उनकी सक्रियता से सिरसा जिले के अलावा भाजपा को फतेहाबाद और रतिया दो और विधानसभा सीटों पर फायदा मिलेगा।
भाजपा की निगाहें इस बार सिर्फ सिरसा ही नहीं उन सभी जिलों के क्षत्रपों को साथ ले कर चुनाव लड़ने की है, जहां 2019 में प्रदर्शन कमजोर रहा था।
प्रभावी नेताओं को साथ लेने का एक साफ पैटर्न भारतीय जनता पार्टी की रणनीति में दिख रहा है।
मुख्यमंत्री ने अगर सिरसा और फतेहाबाद जिले में कांडा बंधुओ को साथ लेने के संकेत दिए तो वहीं दूसरी तरफ हिसार और फतेहाबाद जिले में कुलदीप बिश्नोई परिवार के भाजपा में आने से भी बड़ा लाभ होगा।
जिंदल परिवार खास तौर पर सावित्री जिंदल के भाजपा में आने से हिसार जिले और कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली विधानसभाओं में भाजपा उनका सदुपयोग करेगी।
अगर आगे बढ़ें तो भिवानी और चरखी दादरी जिले में बंसीलाल परिवार को साथ लेकर भारतीय जनता पार्टी एक नई ताकत और रणनीति के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेगी।
उससे आगे बढ़ें तो रोहतक जिले में उन्होंने कृष्णमूर्ति हुड्डा को साथ लिया है, साथ ही कुछ और मजबूत नेताओं पर भाजपा की नजर है।
रोहतक से सटे सोनीपत जिले की बात करें तो सोनीपत में जहां उन्होंने निखिल मदान को साथ लेकर पार्टी को मजबूती देने का प्रयास किया है, वहीं नया प्रदेश अध्यक्ष भी सोनीपत जिले से है।
अगर उत्तरी हरियाणा की बात करें तो पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा को वापस भाजपा में लाया गया है। इन सभी कवायदों से उन इलाकों में भाजपा को एक नई ताकत देने की है, जहां पर भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा है। दक्षिण हरियाणा की अगर बात करें तो लगातार भाजपा संकेत दे रही है कि अहीरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत की वेटेज भाजपा काम नहीं करेगी।
सार्वजनिक मंचों से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी उनकी राजनीतिक ताकत का लोहा मान चुके हैं।
एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी जिला वाइज या विधानसभा वाइज भी बड़े और मजबूत राजनीतिक दबाव समूहों को जोड़ रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा सीटों को 2024 में मजबूत किया जा सके, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की चुनावी नैया बापू बेटे के भरोसे ही है।
क्षेत्रीय स्तर पर कांग्रेस के पास न तो कोई बड़ा चेहरा है और न ही हुड्डा पिता पुत्र किसी चेहरे को उभरने दे रहे हैं। हुड्डा की इसी मनमर्जी से कांग्रेस में फूट है, जो भाजपा को चुनाव में बड़ा फायदा देती दिखाई देगी।

Related Articles

Back to top button