बिहार की राजनीति गरमाई: तेजस्वी यादव का बड़ा दावा, कहा – “अमित शाह को नीतीश पर अब भरोसा नहीं”

पटना, 25 जुलाई 2025 – बिहार की सियासी फिजा एक बार फिर गर्मा गई है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक बड़ा राजनीतिक दावा करते हुए कहा कि “गृह मंत्री अमित शाह अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं करते।” उनके इस बयान ने भाजपा–जदयू गठबंधन की स्थिरता को लेकर अटकलों को और बल दे दिया है।
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में भाजपा को सीधे चुनौती दी। उन्होंने कहा,
“नीतीश कुमार की नीतियों और निर्णयों पर दिल्ली में बैठे उनके अपने साथी अब सवाल उठा रहे हैं। गृह मंत्री खुद अब उन पर विश्वास नहीं करते। अगर भाजपा को भरोसा है, तो वो साफ करें कि नीतीश जी पर अब भी भरोसा है या नहीं।”
इस बयान के बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया, जबकि आरजेडी और विपक्षी दलों ने तालियों से तेजस्वी का समर्थन किया।

तेजस्वी यादव के बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस तरह के बयान आमतौर पर “सिग्नल पॉलिटिक्स” का हिस्सा होते हैं, जो एक संभावित राजनीतिक परिवर्तन की ओर इशारा करते हैं।
राजनीतिक हलकों में पहले से ही यह चर्चा थी कि भाजपा और जदयू के रिश्तों में दरार है। कई हालिया मुद्दों—जैसे आरक्षण, जातीय जनगणना और लॉ एंड ऑर्डर पर जदयू की अलग राय—इन अटकलों को हवा दे रहे थे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय जायसवाल ने तेजस्वी के बयान को “झूठ का पुलिंदा” बताया। उन्होंने कहा:
“भाजपा और जदयू के संबंध मजबूत हैं। तेजस्वी यादव खुद अपनी पार्टी की स्थिति सुधारने के लिए ऐसी बयानबाज़ी कर रहे हैं।”
वहीं, जदयू की ओर से भी तेजस्वी पर पलटवार करते हुए कहा गया कि नीतीश कुमार राज्य और केंद्र दोनों में समन्वय के साथ काम कर रहे हैं, और ऐसी बयानबाज़ियां केवल अफवाह फैलाने की कोशिश है।
आरजेडी के साथ-साथ कांग्रेस और वाम दलों ने भी भाजपा और जदयू पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। विपक्ष का आरोप है कि राज्य में गठबंधन सरकार अस्थिर और जनविरोधी हो चुकी है और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर जदयू और भाजपा के बीच वाकई दरार बढ़ती है, तो एक बार फिर बिहार में सत्ता का समीकरण बदल सकता है। तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार पहले भी महागठबंधन में साथ आ चुके हैं। क्या भविष्य में एक बार फिर ऐसा कुछ होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।तेजस्वी यादव के इस बयान ने बिहार की राजनीति में उबाल ला दिया है। भाजपा और जदयू के रिश्तों पर पहले से ही उठ रहे सवालों के बीच यह टिप्पणी एक बड़ा संकेत मानी जा रही है। आगामी कुछ हफ्ते बिहार की राजनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
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