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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने सरसों की खरीद को लेकर सरकार को घेरा

मंडियों में पहुंची फसल, खरीद का प्रबंध नहीं कर पाई सरकार: अनुराग ढांडा

एमएसपी से प्रति क्विंटल 1000 रुपये के घाटे पर फसल बेचने को मजबूर किसान : अनुराग ढांडा

बीजेपी सरकार की बेरुखी से परेशान हुआ प्रदेश का किसान: अनुराग ढांडा

प्रदेश की अनाज मंडियों में अव्यवस्था के हालात बनें: अनुराग ढांडा

बीजेपी का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर आया सामने: अनुराग ढांडा

चंडीगढ़, 21 मार्च

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने प्रदेश की अनाज मंडियों में सरसों की खरीद केंद्र पर अव्यवस्थाओं को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि रबी सीजन में फसल खरीद प्रक्रिया शुरू होने में महज 10 दिन बाकी हैं। लेकिन प्रदेश के ज्यादातर खरीद कंद्रों पर खरीद की तैयारी को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। 15 मार्च से सरसों की खरीद शुरू होनी थी, जबकि 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होनी है। मौजूदा हालात को देखकर ऐसा लगता है सरकार किसानों की फसलों को खरीदना ही नहीं चाहती। वहीं मेरी फसल मेरा ब्योरा के तहत प्रदेश के 9.25 लाख किसानों ने फसल बेचने के लिए 61.45 लाख एकड़ का पंजीकरण कराया है। जबकि 10.40 लाख एकड़ रकबा ऐसा है, जिसका डेटा मिसमैच है। इससे फैली अव्यवस्था के कारण किसानों फसल बेचने में परेशानी का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सही समय पर सरसों की खरीद शुरू न होने के कारण किसान प्रति क्विंटल 500 से 1000 रुपए का घाटा हो रहा है। सिरसा में किसानों से 4393 रुपए से लेकर 5159 रुपए प्रति क्विंटल तक सरसों खरीदी जा रही है। जबकि एमएसपी 5650 रुपए प्रति क्विंटल है। इसके अलावा हिसार अनाज मंडी में 4650 रुपए से लेकर 5100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में सरसों बिकी रही है। वहीं कलायत मंडी में सरसों की सरकारी खरीद न शुरू किए जाने पर किसानों ने प्रदर्शन भी किया है। किसान सरसों खरीद शुरू करवाने की मांग कर रहे हैं। प्राइवेट मिलर सरसों की फसल को एमएसपी से नीचे खरीद रहे हैं।

उन्होंने कहा एक तरफ तो मौसम की मार से प्रदेश का किसान पहले ही दुखी हो है। और ना ही अभी तक किसानों को खराब फसलों का कोई मुआवजा मिला है। तो वहीं भाजपा सरकार की बेरुखी और बद्द इंतजामी की वजह से मंडियों में आने वाला किसान परेशान है। प्रदेश के अनाज मंडी में ना किसानों के लिए रुकने की व्यवस्था है और ना पीने के पानी की व्यवस्था है। जिससे एक चीज साफ जाहिर होती है कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों से नफरत करती है। बीजेपी सरकार ये जानते हुए कि इस बार समय से पहले फसल तैयार हो गई है फिर भी खरीद शुरू नहीं करवा रही है। पिछले साल की तुलना में खरीद केंद्र भी कम कर दिए गये हैं। अम्बाला में सिर्फ एक खरीद केंद्र रखा गया है वहीं कुरुक्षेत्र में भी सिर्फ दो खरीद केंद्र रखे गये हैं। जबकि कैथल और कलायत में सरसों की खरीद को लेकर बीजेपी सरकार की कोई तैयारी नहीं दिख रही है। जिसके कारण इतने दिनों से किसान घाटे में अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मांग करती है कि सरसों की खरीद एमएसपी पर शुरू की जाए। ताकि मौसम की मार झेल रहे किसानों को कुछ राहत मिले। पहले ही किसान एमएसपी को लेकर इतना नुकसान झेलने का काम कर रहे हैं। इसीलिए किसान बीजेपी सरकार और मोदी सरकार से एमएसपी की मांग कर रहे हैं। लेकिन, बीजेपी सरकार की किसानों के प्रति नियत ठीक नहीं है। सरकार फसल खरीदने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदने का कार्य करें।

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