आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस से छह वर्ष के लिए निष्कासित, अब भाजपा का थाम सकते हैं हाथ
कांग्रेस पार्टी नेताओं को समय-समय पर नसीहत देते आ रहे कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को आखिरकार कांग्रेस ने छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने छात्र जीवन से ही कांग्रेस की राजनीति शुरू की थी। विभिन्न पदों पर रहने के अलावा उत्तर प्रदेश में कई बार पार्टी के महासचिव बने। कांग्रेस की पालिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य रहे। 2018 में पार्टी की तरफ से राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं पंजाब के आम चुनाव में स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी मिली। 2014 में संभल संसदीय सीट और 2019 में लखनऊ से पार्टी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े।
कांग्रेस पार्टी के नेताओं की आलोचना की थी
उनका साफ कहना था कि पार्टी में कुछ नेता वामपंथी विचारधारा के हैं, जो कांग्रेस को बर्बाद कर रहे हैं। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण पत्र ठुकराने को भी पार्टी नेताओं की आलोचना की थी। उनका कहना था कि गांधी परिवार को रामलला के दर्शन करने जाना चाहिए। भगवान सबके हैं। मंदिर के निर्माण का श्रेय भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया था।
आचार्य ने साफ कहा, मोदी जी की वजह से मंदिर का निर्माण संभव हुआ है। आचार्य ने तीन दिन पहले राहुल गांधी के मिलने का समय नहीं देने की बात भी कही थी। बोले-प्रधानमंत्री से तीन-चार दिन में मिलने का समय मिल गया। लेकिन, राहुल गांधी से महीनों बाद भी मिलना संभव नहीं हो पा रहा है।
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