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नई दिल्ली, 3 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी भाषा सहित पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला भाषाओं को अभिजात भाषा का दर्जा देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस निर्णय से मराठी भाषा को सम्मानित स्थान मिला है, और इसके प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का वैश्विक स्तर पर गौरव होगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, “मराठी भाषा का गौरव बढ़ाने वाला यह निर्णय महाराष्ट्र के लिए गर्व का विषय है। यह केवल राज्य के लिए ही नहीं, बल्कि सभी मराठी भाषी लोगों के लिए ऐतिहासिक दिन है। इस निर्णय से मराठी भाषा के शास्त्रीय अध्ययन और शोध को नई प्रेरणा मिलेगी।” श्री.शिंदे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का विशेष आभार भी व्यक्त किया।
महाराष्ट्र के नागरिकों ने वर्षों से मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा देने की मांग की थी। इस निर्णय का स्वागत करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘एक्स’ माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर लिखा, “आज का दिन माय मराठी के इतिहास में एक अद्वितीय और गर्व का दिन है!”
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इस निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिलना महाराष्ट्र की दशकों पुरानी मांग थी। आज यह मांग पूरी होने पर पूरा महाराष्ट्र हर्षित है। इस निर्णय से मराठी भाषा की गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक समृद्धि विश्वभर में पहुंचेगी। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संपूर्ण केंद्रीय मंत्रिमंडल का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।”
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से शोध और शैक्षणिक क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
मराठी भाषा की सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण और उसके शास्त्रीय अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण साबित होगा।
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