भारत में और हवाईअड्डों के लिए बोली लगाएगा Adani Airports, अंतरराष्ट्रीय बाजार में पैर पसारने का भी प्लान
Adani Airports: भारतीय विमानन बाजार की विकास क्षमता को बढ़ाने के लिए हवाईअड्डों की परिचालन लागत में 30 से 50 फीसदी की कमी लाने की जरूरत है। अदाणी एयरपोर्ट्स (Adani Airports) के प्रमुख अरुण बंसल (Arun Bansal) ने कंपनी के भविष्य की विकास बाधाओं के बारे में बात करते हुए इस पर प्रकाश डाला है। भारतीय विमानन बाजार को लेकर बंसल ने कहा कि वह और अधिक हवाईअड्डों का संचालन करना चाहते हैं और इस तरह दुनिया में अग्रणी हवाईअड्डा परिचालक बनना चाहते हैं। बता दें कि वर्तमान में कंपनी सात हवाई अड्डों का संचालन कर रही है और एक अन्य का निर्माण हो रहा है।
तेजी से हो रहा निवेश
बंसल के मुताबिक, अदाणी एयरपोर्ट्स फिजिकल और डिजिटल सेगमेंट में निवेश कर रहा है। पिछले 20 से 30 वर्षों से भारतीय विमानन सेगमेंट को हल्के में लिया जा रहा है और अब आने वाले सालों में हवाई अड्डों के संचालन की लागत में 30-50 प्रतिशत की कमी आनी चाहिए। बंसल ने कहा कि अदाणी एयरपोर्ट्स देश के एविएशन मार्केट को लेकर उत्साहित है और पहले से अधिक एयरपोर्ट्स बनाना चाहता है।
मुंबई एयरपोर्ट पर चल रहा काम
जानकारी के लिए बता दें कि अदाणी फिलहाल नवी मुंबई एयरपोर्ट पर काम कर रही है और अनुमान है कि दिसंबर 2024 तक इसका परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। नवी मुंबई हवाई अड्डे के पहले चरण में यात्रियों को संभालने की क्षमता 20 मिलियन होगी। अदाणी एयरपोर्ट्स मुंबई एयरपोर्ट का संचालन भी कर रहा है।
जुलाई 2021 में अदाणी ग्रुप के हवाई अड्डे के कारोबार की प्रमुख होल्डिंग कंपनी अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) के पास GVK एयरपोर्ट डेवलपर्स लिमिटेड (GVKADL) में लगभग 98 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो मुंबई एयरपोर्ट बनाने का काम कर रही थी, लेकिन बाद में AAHL ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) का प्रबंधन नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था।
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