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पटना में नए साल पर आस्था का सैलाब दिखा, मंदिरों में 5 लाख से ज्यादा भक्तों ने हाजिरी कराई दर्ज

नव वर्ष के पहले दिन शहर के विभिन्न मंदिरों में पांच लाख से ज्यादा भक्तों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। नए साल के पहले दिन हनुमान मंदिर, इस्कॉन मंदिर, गायत्री मंदिर सहित अन्य मंदिरों में कतारबद्ध होकर भक्तों ने भगवान के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया। पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर और बुद्धमार्ग स्थित श्रीकृष्ण भावनामृत (इस्कॉन) मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतारें 31 दिसंबर की मध्य रात्रि के बाद से ही लग गई थीं। महावीर मंदिर ‘जय हनुमान’ और ‘जय सिया-राम’ के नारों से गूंजता रहा। सुबह से लेकर शाम छह बजे के बीच दर्शनार्थियों की कतारें नहीं टूटीं। 

सुबह 5 बजे हनुमान जी की जागरण आरती के बाद भक्तों के प्रसाद चढ़ाने और दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ, जो रविवार देर रात्रि तक जारी रहा। मंदिर में भीड़ प्रबंधन के लिए पटना पुलिस के जवान और पदाधिकारियों की भी सहायता ली गई। महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि शनिवार को साढ़े पांच हजार किलो नैवेद्यम की बिक्री हुई। वहीं रविवार को देर रात तक लगभग 10 हजार किलो नैवेद्यम की बिक्री अनुमानित है। मंदिर प्रबंधन ने रविवार को लगभग दो लाख श्रद्धालुओं के मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचने का अनुमान लगाया है।

दस क्विंटल सामग्री से हवन
कंकड़बाग स्थित गायत्री शक्तिपीठ में सुबह साढ़े छह बजे से ही यज्ञशाला की अग्नि प्रज्जवलित कर दी गई थी। यज्ञशाला में 11 कुंड पर श्रद्धालुओं ने दोपहर 12 बजे तक हवन कार्य किया गया। प्रत्येक कुंड पर 10 लोगों से ज्यादा की टीम ने एक बार में हवन किया। शक्तिपीठ के बिहार युवा प्रकोष्ठ प्रभारी मनीष कुमार ने बताया कि साढ़े पांच घंटे में भक्तों ने लगभग 10 क्विंटल हवन सामग्री का उपयोग किया। वहीं मंदिर में मां गायत्री का आशीर्वाद प्राप्त करने लगभग 60 हजार लोग पहुंचे।

15 टन खीर, 300 किलो हलवा बांटा
इस्कॉन मंदिर में भगवान बांके-बिहारी का दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के रूप में 15 टन खीर और तीन सौ किलो हलुवा बांटा गया। प्रवक्ता नंद गोपाल दास ने बताया कि सुबह साढ़े चार बजे से ही भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर का गेट खोला गया। रविवार देर रात तक भक्तों का जमावड़ा मंदिर परिसर, गर्भगृह और मंदिर के तीनों तलों पर मौजूद खुली जगह पर लगी रही। कहा कि मंदिर प्रबंधन का अनुमान है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को तीन लाख भक्तों ने बांके-बिहारी सहित अन्य भगवान के दर्शन किए। मंदिर गर्भगृह में वृंदावन से आए कीर्तनिया टीम के साथ बड़ी संख्या में पटनावासी भी शामिल हुए।

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