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एचडीएफसी-एचडीएफसी बैंक के बीच प्रस्तावित विलय को मिली एनएचबी की मंजूरी

एचडीएफसी (HDFC) को राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) से उसकी सहायक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) में विलय की मंजूरी मिल गई है। एक नियामकीय फाइलिंग में कहा गया है कि एनएचबी ने एचडीएफसी के साथ हाउसिंग फाइनेंस कंपनी की दो पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों- एचडीएफसी इन्वेस्टमेंट्स (HDFC Investments) और एचडीएफसी होल्डिंग्स लिमिटेड (HDFC Holdings Limited) के विलय को भी मंजूरी दे दी है।

एचडीएफसी ने फाइलिंग में कहा, “हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि एनएचबी ने 8 अगस्त, 2022 को अपने पत्र के माध्यम से इस विलय की योजना के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। एचडीएफसी लिमिटेड द्वारा एनएचबी से प्राप्त रिफंडिंग की सुविधाओं के लिए यह आवश्यक है।”

रिजर्व बैंक और सेबी की मिल चुकी है मंजूरी

बता दें कि संपत्ति के आकार के हिसाब से देश के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के बीच प्रस्तावित विलय के लिए रिजर्व बैंक, सेबी और स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई और बीएसई) से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय की इस योजना को कंप्टीशन कमीशन ऑफ इंडिया, एनसीएलटी और दोनों कंपनियों के शेयरधारकों और लेनदारों की मजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा यह विलय विभिन्न वैधानिक और नियामक अनुमोदनों के अधीन है।

 

विलय के बाद क्या होगा स्ट्रक्चर

विलय के बाद एचडीएफसी और एचडीएफसी का कुल पूंजीगत आधार लगभग 18 लाख करोड़ रुपये होगा। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का विलय वित्त वर्ष 24 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके प्रभावी होने के बाद एचडीएफसी बैंक 100 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में होगा। एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक का 41 प्रतिशत हिस्सा होगा।

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