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वैराग्यानंद गिरी महाराज उर्फ मिर्ची बाबा दुष्‍कर्म के आरोप में हुए गिरफ्तार..

वैराग्यानंद गिरी महाराज उर्फ मिर्ची बाबा दुष्‍कर्म के आरोप में गिरफ्तार हो गए हैं। एक महिला की शिकायत पर भोपाल पुलिस क्राइम ब्रांच ने उन्‍हें ग्‍वालियर से गिरफ्तार किया है। यह पहली बार नहीं है जब किसी तरह के विवाद में मिर्ची बाबा का नाम आया हो। वह अपने बयानों और कृत्‍यों के कारण अक्‍सर सुर्खियों में रहे हैं। बता दें कि कुछ दिन पूर्व ही उन्‍होंने बढ़ती महंगाई का विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी को लेकर कुछ आपत्‍तिजनक बातें कहीं थी। इसी तरह वह इसी साल जनवरी में एक बार गो-शालाओं में घास न पहुंचने और गोहत्या के विरोध में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकल पड़े थे। पुलिस द्वारा रोके जाने पर वह भोपाल के मिनाल रेसीडेंसी में स्‍थित अपने घर के बरामदे में ही अनशन पर बैठ गए थे। तब कमल नाथ ने उनके आवास पर पहुंचकर उनका अनशन खत्‍म कराया था। मिर्ची बाबा की प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से नजदीकियां जगजाहिर हैं।

दिग्‍विजय की जीत के लिए करवाया था मिर्ची यज्ञ

यहां पर यह भी गौरतलब है कि मिर्ची बाबा वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए पांच क्विंटल लाल मिर्ची का हवन किया था। मिर्ची बाबा ने तब यह भी ऐलान किया था कि यदि दिग्विजय सिंह को चुनाव नहीं जीते तो वह जल समाधि ले लेंगे। चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जब तीन लाख से भी ज्यादा मतों से विजयी हुईं तो मिर्ची बाबा की जल समाधि को लेकर सवाल उठे। पर उस वक्‍त वह गायब हो गए। बाद में उन्होंने अपने वकील के माध्यम से जल समाधि लेने के लिए भोपाल कलेक्टर से अनुमति मांगी थी, जिसे अमान्य कर दिया गया।

कमल नाथ के लिए भी की थी पूजा

कांग्रेस के प्रदेशाध्‍यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और सफलता के लिए कुछ माह पूर्व मिर्ची बाबा द्वारा विशेष पूजा करवाई गई थी। इस दौरान एक लाख पुष्पों से शिव पूजन और अभिषेक किया गया था।

मंच पर जगह नहीं मिली तो जमीन पर बैठ गए

प्रदेश में पिछले दिनों संपन्‍न हुए नगरीय निकाय चुनाव के दौरान ग्‍वालियर में आयोजित कमल नाथ की एक सभा में मंच पर जगह न मिलने के कारण मिर्ची बाबा मंच के सामने ही जमीन पर बैठ गए। जब नेताओं ने मिर्ची बाबा को जमीन पर बैठे देखा तो उतरकर उन्‍हें मनाया। उसके बाद मिर्ची बाबा को मंच पर ले गए और उन्हें स्थान दिया।

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