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संत अल्फोंसस महागिरजाघर में दो दिवसीय ‘क्रिसमस महोत्सव’ का भव्य शुभारंभ

संत अल्फोंसस महागिरजाघर, बिशप कॉनराड जूनियर विंग के प्रांगण में दो दिवसीय आनंद और प्रेम के पर्व ‘क्रिसमस महोत्सव’ का भव्य शुभारंभ रविवार को हुआ। महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला न्यायाधीश प्रदीप कुमार सिंह, अति मान्यवर डॉ. इग्नेशियस डिसूजा (धर्माध्यक्ष, कैथोलिक धर्म प्रांत, बरेली), शिक्षा सचिव एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य सम्माननीय फादर रॉयल एंथोनी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षिका अंजु द्वारा भावपूर्ण शब्दों में अतिथियों एवं जन-समुदाय के स्वागत से हुई। इसके उपरांत गुब्बारों एवं आशा के प्रतीक ‘स्टार’ को उड़ाकर महोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया गया। प्रार्थना-नृत्य के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ हुआ।

इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने नृत्य, गायन, नाटक एवं नृत्य-नाटिकाओं की प्रभावशाली प्रस्तुतियां दीं। प्रस्तुत कार्यक्रम भगवान की महिमा, विश्व शांति, बदलाव की शुरुआत, मानवता की ओर एक कदम, उम्मीद का नया सवेरा, सपनों की उड़ान, भूख की पीड़ा, प्रभु यीशु के चमत्कार, युवा नैतिकता एवं आशा के तीर्थयात्री जैसे विषयों पर आधारित रहे। विशेष बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया।

महोत्सव के दौरान आयोजित प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें प्राकृतिक आपदा (कारण एवं निवारण), परंपरा और आधुनिकता का संतुलन, आशा एवं जीवन-रक्षा, विश्व शांति, भारत में महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन, वैश्विक समस्याएं, महिला सशक्तिकरण तथा प्रकृति और मानव के बीच शांति जैसे महत्वपूर्ण विषयों को प्रदर्शित किया गया। वहीं, मेले में लगे विभिन्न स्टॉल, व्यंजन एवं झूलों का बच्चों ने भरपूर आनंद उठाया।

इस अवसर पर धर्माध्यक्ष माननीय बिशप ने अपने आशीर्वचनों में प्रेम एवं शांति का संदेश देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं और समाज में सद्भावना एवं प्रेम का संचार करते हैं। उन्होंने प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना भी की।

प्रथम दिवस के कार्यक्रम का समापन मदर टेरेसा स्कूल, करेली के विशेष छात्र-छात्राओं द्वारा भावपूर्ण भंगिमाओं के साथ प्रस्तुत राष्ट्रगान से हुआ।

महोत्सव के सफल आयोजन में फादर स्टेनी, फादर आईविन, फादर फ्रेन्को, फादर सचिन, फादर वेनिसस, फादर डोमिनिक, सिस्टर पॉलीन, सिस्टर थेरेसिया, सिस्टर नताल एवं विद्यालय के उप-प्रधानाचार्य के. इग्नेशियस का विशेष योगदान रहा।

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