पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ अपनी लड़ाई को एक नई दिशा देते हुए राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1 अगस्त 2025 से ‘एंटी-ड्रग पाठ्यक्रम’ शुरू करने की घोषणा की है। यह कदम ‘War Against Drugs’ अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य छात्रों के माध्यम से परिवारों तक नशामुक्ति का संदेश पहुंचाना है।
राज्य के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने रविवार को नंगल में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नशे की समस्या से लड़ने के लिए केवल पुलिस या प्रशासन की नहीं, पूरे समाज की भागीदारी जरूरी है, और स्कूलों से शुरू होने वाली यह पहल सामाजिक परिवर्तन का आधार बनेगी।
“हमारे विद्यार्थी ही समाज के असली परिवर्तनकर्ता हैं। यदि उन्हें नशे के दुष्परिणामों की समझ स्कूल से ही दी जाए, तो वे स्वयं और अपने परिवार को इससे बचा सकते हैं,” — हरजोत सिंह बैंस, शिक्षा मंत्री, पंजाब
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि नंगल स्थित एक सरकारी स्कूल में 500-सीटर आधुनिक ऑडिटोरियम और स्विमिंग पूल का निर्माण भी चल रहा है, जो अगले शैक्षणिक सत्र तक पूर्ण हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट छात्रों के लिए शारीरिक, सांस्कृतिक और रचनात्मक विकास को बढ़ावा देगा।
कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए विशेष सामग्री।
नशे के प्रकार, मानसिक और शारीरिक प्रभावों की जानकारी।
नशा मुक्ति के लिए प्रेरणादायक कहानियाँ और केस स्टडी।
काउंसलिंग सत्र और चर्चा आधारित शिक्षण।
स्कूल स्तर पर ‘नशा विरोधी क्लब’ की स्थापना।
छात्रों में आत्म-जागरूकता बढ़ाना।
घर और समुदाय स्तर पर संवाद की शुरुआत करना।
नशे को सामाजिक कलंक के रूप में देखना, ना कि सामान्य व्यवहार।
शिक्षा विभाग के अनुसार, इस कोर्स को NCERT और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह से तैयार किया गया है। यदि यह सफल रहता है, तो निजी स्कूलों में भी इसे लागू करने की योजना है।
पंजाब में नशे की समस्या लंबे समय से चिंता का विषय रही है। सरकार की यह पहल एक स्थायी और जड़ से समाधान की ओर एक ठोस कदम माना जा रहा है। स्कूल शिक्षा के जरिए यदि युवा पीढ़ी को सही दिशा दी जाए, तो आने वाले समय में पंजाब एक स्वस्थ, जागरूक और नशामुक्त समाज के रूप में उभरेगा।
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