Religious

गुरु पूर्णिमा विशेष संस्करण

दिनांक: गुरुवार, 10 जुलाई 2025

आज आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन भारत सहित बौद्ध और जैन धर्मावलंबी गुरु पूर्णिमा (व्यास पूर्णिमा) का पवित्र पर्व मना रहे हैं। यह दिन ज्ञान-दाता, गुरु, और अध्यात्मिक मार्गदर्शकों के प्रति आदर, श्रद्धा और आभार व्यक्त करने का उत्तम अवसर है।

  • यह दिन महर्षि वेदव्यास जी के जन्म-दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने चारों वेदों का संकलन कर मानवता को ज्ञान का अमूल्य उपहार दिया ।
  • इसके अतिरिक्त, यह दिन गौतम बुद्ध के सारनाथ में प्रथम उपदेश और महावीर स्वामी के लिए भी महत्वपूर्ण है ।
  • गुरु का अर्थ ‘गु’ (अज्ञान का अंधकार) तथा ‘रु’ (ज्ञान का प्रकाश) होता है। इसलिए गुरु ज्ञान के प्रकाश का वाहक माने जाते हैं ।
क्रियाप्रारंभसमापन
पूर्णिमा तिथि10 जुलाई, 01:36–01:37 AM11 जुलाई, 02:06–02:07 AM
स्नान-दान मुहूर्तसुबह 4:10 – 4:50 AM
पूजन का समयसुबह 11:59 AM – 12:54 PM
अन्य शुभ योग: इंद्र, वैधृति, अभिजीत, अमृत, विजय मुहूर्त उपलब्ध

ब्रह्म-मुहूर्त में स्नान करें, नदी या गंगाजल से स्नान करना उत्तम।शुद्ध वस्त्र पहनकर, गुरु—विशेषकर वेदव्यास की मूर्ति या फोटो के समक्ष पूजन करें: चंदन, अक्षत, दीप, फल-मीठा अर्पित करेंपूजा के अंत में गुरु-दक्षिणा प्रदान करें; माता-पिता, अध्यापक एवं आध्यात्मिक गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करेंगाय, गीता, वस्त्र, भोजन, सोना—पीतल आदि का दान कर पुण्य कमाएंव्रत रखकर मंत्र जाप, ध्यान, शास्त्रों का पाठ और सामाजिक सेवा करना भी शुभ है

इस दिन गुरु-पूजा, श्रद्धा-अनुष्ठान, सेवा, मनन और आत्मनिरीक्षण करते हुए अहंकार, नकारात्मकता और आलस्य से दूरी बनाए रखना चाहिए ।

  • संगठनों एवं आश्रमों में गुरु पूर्णिमा पर सभाएँ, प्रवचन, satsang और वेबकास्ट का आयोजन हो रहा है, जैसे BAPS समूह द्वारा महामंत Swami Maharaj के साथ लाइव प्रसारण ।
  • विदेशों में रह रहे शिक्षाविद, जैसे इंडिया-आधारित Arvind Sharma एवं Ramesh Rao, को इस दिन गुरु-शिष्या परंपरा के समर्थन में INDICA द्वारा सम्मानित किया जा रहा है

गुरु पूर्णिमा केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह गुरुदेवों को आदर देने, उनके आदर्शों से सीखने, और आत्मिक उन्नति का मार्ग चुनने की प्रतीकात्मक स्मृति है। आइए इस पावन दिन अपने गुरुओं को वंदन करें और जीवन में उनके ज्ञान से प्रकाशित हों।

“गुरु वह दीपक है, जो अज्ञान के अंधकार को मिटाकर जीवन में प्रकाश लाता है।”

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