GroupM रिपोर्ट 2025: भारत में डिजिटल विज्ञापन का बोलबाला, खर्च ₹1.6 ट्रिलियन पार करेगा

नई दिल्ली | 21 जून 2025
मार्केटिंग और विज्ञापन उद्योग में भारत अब वैश्विक रफ्तार से कदम से कदम मिला रहा है। दुनिया की प्रमुख मीडिया निवेश कंपनी GroupM की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारत का कुल विज्ञापन खर्च ₹1.6 ट्रिलियन (1.6 लाख करोड़ रुपये) तक पहुँचने की संभावना है। इसका लगभग 60% हिस्सा डिजिटल माध्यमों पर खर्च किया जाएगा — जो देश के तेजी से डिजिटल होते उपभोक्ता व्यवहार का प्रमाण है।
डिजिटल की बढ़ती पकड़
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में डिजिटल विज्ञापन पहले ही टेलीविज़न को पीछे छोड़ चुका है और अब मुख्यधारा मार्केटिंग चैनल के रूप में उभर चुका है। AI-चालित पर्सनलाइज़ेशन, रिटेल मीडिया, शॉर्ट-फॉर्म वीडियो, और CTV (Connected TV) मार्केटिंग जैसे नए रुझानों ने विज्ञापनदाताओं को ग्राहकों के और करीब ला दिया है।
2025 के प्रमुख मार्केटिंग ट्रेंड्स
- AI और पर्सनलाइज़ेशन
- विज्ञापन अब पहले से अधिक व्यक्तिगत होंगे।
- उपभोक्ता के व्यवहार के आधार पर रीयल-टाइम विज्ञापन कस्टमाइज़ेशन।
- Retail Media का विस्फोट
- Amazon, Flipkart, Blinkit जैसे प्लेटफ़ॉर्म अपने इन-ऐप विज्ञापन नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।
- ब्रांड्स सीधे ईकॉमर्स साइटों पर विज्ञापन देकर कन्वर्ज़न बढ़ा रहे हैं।
- Connected TV (CTV) और OTT
- स्मार्ट टीवी उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ने से CTV पर विज्ञापन तेजी से बढ़ा है।
- Disney+ Hotstar, JioCinema, और Zee5 जैसे प्लेटफ़ॉर्म ब्रांड विज्ञापन के लिए प्राथमिक मंच बन रहे हैं।
- डाटा प्राइवेसी और क्लीन रूम टेक्नोलॉजी
- Apple, Google और Meta के डेटा शेयरिंग नियमों में बदलाव के बाद ब्रांड्स ‘डेटा क्लीन रूम्स’ में निवेश कर रहे हैं।
- यह ग्राहक डेटा की गोपनीयता बनाए रखते हुए प्रभावशाली विज्ञापन टार्गेटिंग की अनुमति देता है।
- मल्टी-टच एट्रिब्यूशन (MTA)
- उपभोक्ता की पूरी खरीद यात्रा को ट्रैक कर ROI मापने का तरीका।
- ब्रांड अब सिर्फ एक क्लिक या इंप्रेशन पर नहीं, पूरी जर्नी का मूल्यांकन करते हैं।
उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव
GroupM की रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि उपभोक्ता तेजी से मोबाइल और वीडियो फॉर्मैट की ओर झुक रहे हैं। Instagram Reels, YouTube Shorts, और Snackable Content अब ब्रांडिंग के सबसे प्रभावी हथियार बन चुके हैं।
पारंपरिक माध्यमों पर असर
जहां डिजिटल क्षेत्र में ज़बरदस्त उछाल देखा जा रहा है, वहीं प्रिंट और रेडियो जैसे पारंपरिक विज्ञापन माध्यमों की हिस्सेदारी लगातार घट रही है। हालांकि, क्षेत्रीय समाचार पत्र अभी भी कुछ क्षेत्रों में प्रभावशाली माने जा रहे हैं।
निष्कर्ष
GroupM की यह रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि भारत का विज्ञापन उद्योग डिजिटल युग में निर्णायक बदलाव के दौर से गुजर रहा है।
AI, डेटा-ड्रिवन रणनीति और तकनीकी नवाचार के साथ, विज्ञापन अब सिर्फ “देखे जाने” की चीज़ नहीं रह गई है — यह प्रभावी अनुभव और सटीक उपभोक्ता जुड़ाव का माध्यम बन चुकी है।
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