GovernmentSocial

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: कर्नल सोफिया पर टिप्पणी मामले में SIT जांच के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह की सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने इस टिप्पणी को “गटर की भाषा” करार देते हुए मंत्री की ओर से दी गई माफी को अस्वीकार कर दिया।

मामला क्या है?

मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने एक जनसभा में सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था:

“मोदीजी ने आतंकियों को सबक सिखाने के लिए उनकी बहन (कर्नल सोफिया) को वायुसेना के विमान में भेजा।”

यह बयान सेना की प्रतिष्ठा और महिला अधिकारियों के सम्मान पर सवाल उठाता है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर भारी आक्रोश उत्पन्न हुआ।

सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बयान “गंभीर रूप से अपमानजनक” है और इससे न केवल सेना बल्कि महिलाओं की गरिमा भी आहत हुई है। अदालत ने कहा:

“ऐसी भाषा किसी मंत्री के लिए शोभा नहीं देती। यह गटर की भाषा है। माफी भी क्रूर और आधी-अधूरी है।”

SIT गठित करने का आदेश

  • सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया कि वे तीन वरिष्ठ IPS अधिकारियों की एक SIT बनाएं।
  • इस टीम में कम से कम एक महिला अधिकारी शामिल होनी चाहिए।
  • SIT का गठन 20 मई सुबह 10 बजे तक करना अनिवार्य है।
  • अदालत ने कहा कि SIT अपनी प्रथम स्थिति रिपोर्ट 28 मई 2025 तक सौंपे।

अदालत का रुख

अदालत ने स्पष्ट किया कि माफी पर्याप्त नहीं है और मंत्री को अपने पद पर रहते हुए इस तरह की भाषा का प्रयोग करने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को “सामाजिक रूप से अस्वीकार्य और कानूनी दृष्टिकोण से जांच योग्य” माना।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने मंत्री के इस्तीफे की मांग की है, जबकि भाजपा नेतृत्व अभी तक इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दे सका है।


यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत बयान का नहीं, बल्कि सार्वजनिक जीवन में भाषाई मर्यादा और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का है। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम आने वाले समय में एक मिसाल बन सकता है।

Related Articles

Back to top button