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हिमालय की वादियों में स्थित है ये सुन्दर राज्य, देश-विदेश से आते हैं हजारों सैलानी

भारत के उत्तर में हिमालय की वादियों में स्थित लद्दाख बहुत ही सुन्दर राज्यहै। लद्दाख में दो जिले है, इन जिलों का नाम लेह और कारगिल है। लेह बहुत हीखूबसूरत स्थान है। यहाँ हर साल बहुत बड़ी संख्या में लोग देश विदेश से घूमने के लिए आते है।

पांगोंग झील
पांगोंग झील लेह की बहुत ही सुन्दर झील है। यह झील समुद्र तल से 14,270फुट ऊँचाई पर स्थित है। पांगोंग झील करीब 12 किलोमीटर लम्बी है। यहाँ का तापमान सारा साल -5 से 10 डिग्री के आसपास रहता है। पैंगॉन्ग त्सो इस झील का दूसरा नाम है। दूर दूर तक बर्फ से ढके पहाड़, झील का पानी, ठंडी ठंडी हवा के झोंके हर एक पर्यटक को अपनी तरफ खींचने का काम करते है

मैग्नेटिक हिल
मैग्नेटिक हिल पर ग्रेविटी का नियम खत्म हो जाता है। बंद गाड़ी अपने आप आगे की तरफ चलने लगती है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 14000 फुट के करीब है। मेग्नेटिक हिल लेह शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान बहुत ही सुन्दर स्थान है।
लेह महल
17 वीं शताब्दी में राजा सेंगगे नामग्याल ने अपने लिए बहुत ही सुन्दर महलबनवाया था। जिसे लेह महल ल्हाचें पलखर के नाम से जाना जाता है। लेह कीसब ऊंची इमारतों में से एक है। लेह महल की कुल 9 मंजिल है। इस महल में राजा और उसका परिवार रहा करता था। लेह शहर की सुंदरता को यह महल चार चाँद लगता नज़र आता है।

चादर ट्रैक
जांस्कर नदी सर्दियों के समय में सफ़ेद बर्फ की चादर की तरह जम जाती है। जिस पर लोग चलते फिर नज़र आते है। जिसके कारण से इसे चादर ट्रैक कहा जाता है। यह देखने बहुत ही खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है। चादर ट्रैक पर चलना बहुत ही जोखिम भरा होता है।

फुगताल मठ
जिन लोगों की आध्यात्मिक विचारो में रुचि है, उन के लिए फुगताल मठ बहुत अच्छा स्थान है। इतिहासकारों के हिसाब से फुगताल मठ 2250 साल पुराना है। फुगताल मठ में आध्यात्मिक विचारो वाले लोग रहते है। इस स्थान पर पैदल चलकर आना पड़ता है। ट्रैकिंग के लिए यह बहुत ही बढ़िया स्थान है।

पथर साहिब गुरुदवारा साहिब

पथर साहिब गुरुदवारा साहिब लोगों के आकर्षण का केंद्र है। लेह आने वाले पर्यटकइस स्थान पर जरूर आते है। पथर साहिब गुरुदवारा साहिब गुरु नानक देव को समर्पित है। सेना और ट्रैक ड्राइवर लोगों के लिए स्थान बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है।

शांति स्तूप
शांति स्तूप का निर्माण जापान के एक बौद्ध भिक्षु ने किया था। बौद्ध भिक्षु का नाम ग्योम्यो नाकामुरा और 14 वे दलाई लामा थे। शांति स्तूप सफ़ेद रंग का गुंबद है। बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग पूजा करने के लिए आते है। यहाँ आने वाले पर्यटक को बहुत ज्यादा शांति महसूस होती है। लेह शहर से 500 सीढ़ियों का एक रास्ता है, जिस पर चलकर पर्यटक यहाँ पर पहुंच सकते है।

खार दुंग ला दर्रा

खार दुंग ला दर्रा को खड़जोंग दर्रा भी कहा जाता है। नुब्रा और श्योक घाटियों में प्रवेश करने वाले रास्ते को खार दुंग ला दर्रा कहा जाता है। पर्यटक इस स्थान पर आकर खुद को बहुत ज्यादा हल्का और ताज़ा महसूस करते है।

हेमिस मठ
हेमिश मठ लेह लद्दाख स्थान बहुत ही सुन्दर मठ है। हेमिस मठ का इतिहास 11 वी शताब्दी के करीब का है। एक बार इस मठ के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद 1672 में फिर से इस मठ को स्थापित किया गया था। भगवान पद्म संभव के को समर्पित हर साल उत्सव आयोजित किया जाता है। जिसको देखने के लिए दुनिया के कोने कोने से लोग आते है।

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