4 राज्यों में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस को जहां लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘इंडिया’ गठबंधन बनाने के रूप में की जा रही कोशिशों को लेकर बड़ा झटका लगा है
4 राज्यों में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस को जहां लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘इंडिया’ गठबंधन बनाने के रूप में की जा रही कोशिशों को लेकर बड़ा झटका लगा है, वहीं दिग्गजों ने भी पार्टी से पैर पीछे खींचने शुरू कर दिए हैं जिसका सबूत कांग्रेस द्वारा शनिवार को मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में की गई नियुक्तियों के रूप में सामने आया है।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के दावेदार रहे कमल नाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है। इसके साथ ही वहनेता विपक्ष भी नहीं रहना चाहते, जिसके संकेत उन्होंने विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होकर दे दिए थे। इसी तरह छत्तीसगढ़ के निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के साथ नेता विपक्ष के पद से भी किनारा कर लिया है। हालांकि उक्त नेताओं के आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय राजनीति में जाने की बात कही जा रही है।
इस बीच सबकी नजरें राजस्थान की ओर लगी हुई हैं जहां 5 दिसम्बर को विधायक दल की बैठक के बाद 9 दिसम्बर को पार्टी नेताओं की राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खरगे के साथ मीटिंग होने के बाद भी अब तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व नेता विपक्ष को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है। जहां तक राजस्थान का सवाल है, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले भी लंबे समय तक केंद्रीय राजनीति में सक्रिय रहे हैं और अब भी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली का रुख कर सकते हैं। इस हालात में सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या नेता विपक्ष में से किसी एक पद की जिम्मेदारी मिल सकती है जिस दौड़ में हरीश चौधरी का नाम भी शामिल है।
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