बेहद गुणकारी हैं नीम की पत्तियां और बीज, इन समस्याओं के लिए बेहद ख़ास
भारत के लगभग हर हिस्से में नीम का पौधा आसानी से उपलब्ध है। इस पौधे सभी भागों को स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में नीम की पत्तियों, छाल और बीज से होने वाले तमाम तरह के फायदों का जिक्र मिलता है। विशेषज्ञों की मानें तो नीम की पत्तियां और फलियां स्वाद में भले ही कड़वी होती हैं लेकिन इनका सेवन करने वाले लोगों को कई प्रकार की गंभीर रोगों से सुरक्षित माना जा सकता है। इसके अलावा नीम के अर्क का सेवन करने से अस्थमा, कब्ज, खांसी, मधुमेह, गैस्ट्रिक अल्सर, अपच और मूत्र पथ के संक्रमण जैसी कई बीमारियों से सुरक्षा मिल सकती है।
आयुर्वेद में नीम के पेड़ की छाल, फूल और फल का भी औषधीय रूप से उपयोग और लाभ बताया गया है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक नीम की पत्तियों का सेवन करके डायबिटीज और त्वचा की गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में नीम से होने वाले ऐसे ही कुछ अद्भुत स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं।
त्वचा की बीमारियों को दूर करने में सहायक
अध्ययनों से पता चलता है कि नीम के बीज के तेल में ओलिक, स्टीयरिक, पामिटिक और लिनोलिक एसिड जैसे फैटी एसिड की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इन फैटी एसिडों में एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक माने जाते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि नीम की पत्तियों का सेवन करने वालों में मुंहासा होने का खतरा काफी कम होता है। इसके अलावा यह खून साफ करने में भी सहायक है जिससे त्वचा के रंग में निखार आता है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक
जानवरों पर किए गए अध्ययन से संकेत मिलता है कि नीम की पत्ती का अर्क मधुमेह को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि नीम का अर्क इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने और स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है। कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि नीम की पत्तियों का सेवन करके टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है।
किडनी और लिवर को बनाए रखता है स्वस्थ
वैज्ञानिकों का कहना है कि नीम के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेटरी गुण, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में सहायक होते हैं, जिससे किडनी और लिवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। दर्द निवारक या कैंसर की दवा का अधिक सेवन करने वाले लोगों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस अधिक हो सकता है जिससे लिवर और किडनी के ऊतकों को क्षति पहुंच सकती है। इसके अलावा नीम का सेवन करने वाले लोगों को किडनी की तमाम अन्य बीमारियों का खतरा कम होता है।
बालों के लिए फायदेमंद है नीम
नीम के बीज के अर्क में अज़ादिराक्टिन नामक एक एक्टिव कंपाउंड पाया जाता है जो जूं जैसे परजीवियों को खत्म करके बालों और खोपड़ी की त्वचा को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। बच्चों में सिर की जूं पड़ जाने या बालों में रूसी की समस्या होने पर नीम आधारित शैम्पू के प्रयोग से लाभ मिलता है। बालों की समस्याओं में नीम के तेल को भी फायदेमंद माना जाता है।
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