बिहार की राजनीति में इन दिनों फिर कयासों का बाजार गरमाया, पढ़ें पूरी खबर ..
बिहार की राजनीति में इन दिनों फिर कयासों का बाजार गरमाया हुआ है। तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी से जेडीयू के ताजा तकरार के कारण नीतीश कुमार के सियासी स्टैंड को लेकर फिर से कयास लगाए जाने लगे हैं। वहीं, कांग्रेस के साथ पहले ही दूरी साफ-साफ नजर आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा के चुनाव से पहले यह साल यानी 2023 बिहार की राजनीति में काफी उठापटक वाला रहने वाला है। कई नए सियासी समीकारण को लेकर कयासबाजी चल रही है।
बीते साल नीतीश कुमार ने दिल्ली में विपक्ष के कई नेताओं के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने पूरे विपक्ष को एकजुट करने की अपील की थी। विभिन्न नेताओं के साथ उनकी तस्वीरों ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। हालांकि, इसके बाद इस दिशा में कोई खास विकास देखने को नहीं मिला है। हाल ही में कुछ विपक्षी नेताओं का केसीआर की रैली में जुटान भी हुआ, लेकिन इसका न्योता तक भी नीतीश कुमार को नहीं भेजा गया।
यह तो रही दिल्ली और देश की बात, लेकिन बीते दिनों बिहार में भी काफी कुछ बदलाव देखने को मिला है। रामचरितमानस को लेकर दिए बयान पर जेडीयू ने बिना समय गंवाए बीजेपी से अधिक आक्रामक तरीके से राजद को घेरा। इस मामले में जेडीयू के तमाम बड़े नेताओं से लेकर नीतीश कुमार तक ने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से अपना बयान वापस लेने के लिए कहा। वहीं, आरजेडी और तेजस्वी यादव ने खुलकर अपने मंत्री के स्टैंड का बचाव किया। तेजस्वी यादव ने तो यहां तक कह दिया कि संविधान ने सभी को अपनी बातें कहने का अधिकार दिया है।
अब बात कांग्रेस की। कांग्रेस ने हाल ही में विपक्ष के तमामत बड़े नेताओं को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने का न्योता दिया है। देश की तरह बिहार में भी ऐसी की एक यात्रा चल रही है। जेडीयू ने इसे कांग्रेस का आंतरिक मामला बताते हुए इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया है। आपको बता दें कि विपक्ष के कई राजनीतिक दलों ने इस यात्रा को ना सिर्फ अपना समर्थन दिया है, बल्कि इसमें सहभागी भी बने हैं।
इन तमाम सियासी घटनाओं के बीच बिहार में एकबार फिर कयासों का बाजार गर्म है। कुछ सियासी पंडितों का मानना है कि नीतीश कुमार फिर एकबार बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बना सकते हैं। वहीं, कुछ का यह कहना है कि बिहार में नई सरकार तो जरूर बनेगी, लेकिन नेतृत्व बीजेपी के हाथ में होगा। नीतीश कुमार के लिए केंद्र में एक बड़ी जगह दी जा सकती है।
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